Buxar Top News: प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार महिला पुलिस पदाधिकारी को तीन दिनों के बाद भी नहीं मिला न्याय ।
तीन दिनों की पुलिसिया गतिविधि को देखने के बाद एक बात तो साफ़ है कि दोनों पक्षों में से किसी भी पक्ष को न्याय दिला पाना पुलिस के बस की बात नहीं है.
- शनिवार को जमुना चौक के समीप दोनों के बीच हुई थी तीखी नोकझोंक.
- एक दूसरे पर लगाया था अभद्रता का आरोप.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार महिला पुलिस पदाधिकारी के बीच शनिवार की रात नगर थाना क्षेत्र के जमुना चौक के समीप हुए विवाद के 3 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद पुलिस किसी को इंसाफ दिलाने में भी कामयाब नहीं रही है। मामले में जहाँ उप मुख्य पार्षद द्वारा सदर डीएसपी को आवेदन देते हुए कार्रवाई की मांग की गई है वहीं, मामले में महिला एसआई द्वारा नगर थाना को आवेदन देते हुए कार्रवाई की मांग की गयी है. लेकिन मामले में अब भी वरीय पुलिस पदाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि, उनके द्वारा यह कहा जा रहा है कि वे पुलिस अधीक्षक के आने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि मामला महिला एस आई से जुड़ा होने के कारण वह अपने स्तर से कोई कारवाई नहीं कर सकते.
पाठकों को एक बार पुनः घटना याद करा दें- दरअसल, रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर मिठाई खरीदने के लिए यमुना चौक स्थित मिठाई दुकानों पर काफी भीड़ लगी हुई थी. इस दौरान बाइक आदि से आने वाले अनेक लोगों ने वहां अतिरिक्त स्थान नहीं होने के कारण सड़क किनारे ही बाइक लगा रखी थी. उसी बीच महज मिठाई लेने के लिए स्कूटी से पहुंची महिला एसआई अंजू कुमारी ने कहीं जगह नहीं दिखाई देने के बाद वहीं बगल में अपनी स्कूटी खड़ी कर मिठाई खरीदने लगी. इतने में ही दोनों तरफ से बड़े वाहनों के आ जाने से जाम लग गया. बस इसी बात पर हुए बवाल के बीच उप मुख्य पार्षद इंद्रप्रताप सिंह उर्फ बबन सिंह के हस्तक्षेप करते ही मामला पूरी तरह उलझ गया और महिला एसआई और उप मुख्य पार्षद के बीच तीखी नोकझोंक हो गई.
घटना के संबंध में सदर डीएसपी सतीश कुमार ने बताया कि मामला चूंकि, एसआई से जुड़ा हुआ है इसलिए ऐसे मामले में कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार सिर्फ एसपी को है. वैसे मामले की जानकारी मिलते ही उनके स्तर से पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है तथा दोनों पक्षों से वीडियो फुटेज देने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि उप मुख्य पार्षद द्वारा पेन ड्राइव में फुटेज उपलब्ध करा दिया गया है. दूसरी तरफ मामला काफी तूल पकड़ चुका है. दोनों में से कोई भी पक्ष समझौता पर तैयार नहीं है. वहीं घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा फुटेज की स्वयं जांच नहीं करना मामले में पुलिस की निष्क्रियता को उजागर करता है.
महिला आयोग से की है शिकायत : अंजू
मामले में एसआई अंजू कुमारी ने बताया कि जिस प्रकार एक जनप्रतिनिधि के द्वारा मुझसे खुलेआम हजारों लोगों के बीच बेइज्जत किया गया और अभद्रता से पेश आया गया उसे वो कभी भूल नहीं सकती. एक अकेली महिला को देख हजारों की संख्या में उप मुख्य पार्षद के समर्थकों समेत सैकड़ों लोग भूखे भेड़ियों के समान उनपर एकसाथ टूट अभद्रता की सारी सीमाओं को पार करते हुए भद्दी गालियां दे रहे थे. एक जनप्रतिनिधि होने को ले उप मुख्य पार्षद की भूमिका तो बीच बचाव की होनी चाहिए थी. पर, उल्टे बिना बात को समझे उन्होंने आम जनता के साथ मिलकर मुझसे अभद्रता की. बिना कोई कसूर माफी मांगने का दबाव बनाया गया. बावजूद इतना सबकुछ होने के उन्होंने कोई कदम उठाने का निर्णय नहीं लिया था पर, उन्होंने भी मामले की शिकायत लिखित रुप से पुलिस पदाधिकारियों से करते हुए हुए महिला आयोग को भी मामले की शिकायत भेज दी है.
आम जनता के सामने बेइज्जती से पहुंचा प्रतिष्ठा को आघात : बबन सिंह
इस संबंध में उप मुख्य पार्षद इंद्रप्रताप उर्फ बबन सिंह ने बताया कि प्रतिदिन की भांति वो शहर की सफाई व्यवस्था की देखरेख में निकले थे. इसी क्रम में यमुना चौक पर भीड़ देख रूक गए. भीड़ के बीच महिला दरोगा को देखते ही पहचान गए और वहां बीच बचाव करने ही गए थे. इस बीच जैसे ही महिला दरोगा को टोका कि मैडम आप पुलिस पदाधिकारी हैं. आपका यह व्यवहार शोभा नहीं देता. इतना कहते ही वो उल्टे हम पर ही आग बबूला हो कहने लगी कि सड़क छाप नेता बनते हो यही नहीं वह आम जनता के सामने काफी कुछ अनाप-शनाप बोल गई. बावजूद इसके मैं अब भी कहता हूं कि उन्होंने मुझे कोई गाली नहीं दी थी. पर, एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरी प्रतिष्ठा को भी आघात पहुंचा है. उन्होंने कहा कि मैंने डीएसपी को अपनी लिखित शिकायत दे दी है. साथ ही उनसे एसपी के आने तक कोई पब्लिक ड्यूटी नहीं दिए जाने की मांग की है.
बहरहाल तीन दिनों की पुलिसिया गतिविधि को देखने के बाद एक बात तो साफ़ है कि दोनों पक्षों में से किसी भी पक्ष को न्याय दिला पाना पुलिस के बस की बात नहीं है.
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