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नेत्र रोगियों को विश्वस्तरीय उपचार प्रदान कर रहे फिलीपींस से लौटे बक्सर की माटी के लाल ..

इसके अलावा सुबह-शाम दोनों समय सर्दी या गर्मी के मौसम में ठंडे पानी से आँखों को धोना चाहिए जिससे दिन भर आंखों में जाने वाली गंदगी साफ हो जाती है. उन्होंने कहा कि आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए प्रत्येक मौसम में सुबह जागने के बाद तथा शाम को सोने से पहले ठंडे पानी से सफाई करें
देखें वीडियो: 
- नगर में नेत्र रोगियों को प्रदान कर रहे विश्वस्तरीय चिकित्सकीय सेवाएं.
- आंख नाक कान एवं गला के लिए मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल खोलने की है योजना.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आँखें  खुदा की दी हुई वह अनमोल नेमत है जिनके ना रहने पर  यह सारी दुनिया बेरंग साबित होगी. इसलिए स्वस्थ आंखों के लिए देखभाल आवश्यक है. आम तौर पर भागदौड़ भरी जीवनशैली में लोग आंखों की  विशेष देखभाल नहीं कर पाते जिसके कारण बहुत ही कम उम्र में उन्हें कष्टकारी नेत्र विकार से गुजरना पड़ता है. यह कहना है नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मो. एखलाख अंसारी का.

मूल रूप से बक्सर के ही निवासी चिकित्सक डॉक्टर मोहम्मद एखलाक अंसारी ने फिलीपींस के साउथ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी  से अपनी पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने नगर के प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान अमर खादी भंडार के संचालक अपने पिता मो. ई.एजाज अंसारी की प्रेरणा से अपने वतन तथा अपनी मिट्टी के लोगों की सेवा करने की भावना से नगर के पीपरपांती रोड में आईमैक्स नामक अपने  नेत्र अस्पताल के माध्यम से  लोगों को विश्वस्तरीय  सुविधाएं  प्रदान करनी शुरू की है. 

नेत्र संबंधी लोगों को होने वाली आम समस्याओं को लेकर हमने  उनसे बातचीत की, जिसके प्रमुख अंश हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं.

डॉ मोहम्मद एखलाक के मुताबिक आंखों में परेशानी होने पर तुरंत विशेषज्ञ डाक्टर को दिखाना चाहिए, न कि खुद ही डॉक्टर बनकर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर काम चलाने लगें. इसके अलावा सुबह-शाम दोनों समय सर्दी या गर्मी के मौसम में ठंडे पानी से आँखों को धोना चाहिए जिससे दिन भर आंखों में जाने वाली गंदगी साफ हो जाती है. उन्होंने कहा कि आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए प्रत्येक मौसम में सुबह जागने के बाद तथा शाम को सोने से पहले ठंडे पानी से सफाई करें, आंखों की सुरक्षा के लिए बिना पॉवर के चश्मे का भी प्रयोग कर सकते हैं. वहीं साल में एक बार आंखों की रुटीन चेकअप भी आवश्यक है.

चश्मे का नंबर कम होने से होती है नेत्र संबंधी परेशानी:

चिकित्सक ने बताया कि चश्मे का नंबर कम होने से पानी आना, चिपचिपाहट होना शुरू हो जाता है. नींद पूरी न होने पर आंखों में इंटर ओकोलर प्रेशर की वजह से दवाब पड़ता है जिसकी वजह से कई समस्याएं पैदा होती है. उन्होंने बताया कि नजर कम हो जाने के कारण दर्द हो. इसके अलावा नींद पूरी न होने, ब्लड प्रेशर में उतार चढ़ाव भी आंखों में दर्द पैदा करते हैं. नेत्र विशेषज्ञ को दिखाकर दवा का प्रयोग करें.

लेसिक सर्जरी से ही हटाया जा सकता है चश्मा:

यह पूछे जाने पर कि क्या किसी दवा से चश्मे को हटाया जा सकता है तो चिकित्सक का जवाब ना में था. उन्होंने कहा कि किसी भी दवा से चश्मा नहीं हटाया जा सकता है. इसके लिए लेसिक सर्जरी की जा सकती है. जिससे चश्मा हट सकता है, लेकिन इसके लिए उम्र 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए.

ठंड में बच्चों की आंखों में हो जाती है एलर्जी ऐसे करें बचाव:

चिकित्सक ने बताया कि ठंड की वजह से छोटे बच्चों में एलर्जी हो जाती है जिसकी वजह  से आंख में खुजली हो जाती है. किसी विशेषज्ञ डाक्टर को दिखाकर दवा लें. ठंडी चीज न खिलाएं व ठंड से बचाव रखें. 

चिकित्सक ने बताया कि अपनी जन्म भूमि को ही अपनी कर्म भूमि बनाने के पश्चात शीघ्र ही वह बक्सर में आंख, नाक, कान एवं गले के विशेषज्ञ चिकित्सकों से युक्त एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना करने जा रहे हैं. इस अस्पताल के द्वारा आंख नाक कान गला से संबंधित रोगों के इलाज के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं बक्सर में ही प्रदान कराई जाएंगी.
























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