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महर्षि विश्वामित्र एवं गायत्री महामंत्र की वैज्ञानिक व्याख्या से गुंजायमान रहा गायत्री शक्तिपीठ का परिसर ..

बताया गया कि गायत्री महामंत्र में बौद्धिक क्षमता के विकास की असीमित शक्तियां भरी हुई है. गायत्री शक्ति पीठ के निर्माण एवं उस में स्थापित विश्वामित्र गायत्री एवं प्रज्ञेश्वर  महादेव को बक्सर का अद्वितीय स्थापत्य का नमूना बताया गया

- मनाया जा रहा है गायत्री शक्तिपीठ का वार्षिकोत्सव

- जर्मनी एवं अमेरिका के वैज्ञानिक शोधों पर भी हुई चर्चा.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गायत्री शक्तिपीठ बक्सर के वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन विश्वामित्र एवं गायत्री की वैज्ञानिक व्याख्या की गई. दोपहर साढ़े 12 बजे से लेकर साढ़े तीन बजे तक इस विषय पर विचार गोष्ठी में सभी वक्ताओं ने गायत्री महामंत्र यज्ञ एवं विश्वामित्र पर वैज्ञानिक पक्ष रखा एवं एम्स के चिकित्सकों जर्मनी एवं अमेरिका के वैज्ञानिकों के शोध पर भी चर्चा की गई.

 बताया गया कि गायत्री महामंत्र में बौद्धिक क्षमता के विकास की असीमित शक्तियां भरी हुई है. गायत्री शक्ति पीठ के निर्माण एवं उस में स्थापित विश्वामित्र गायत्री एवं प्रज्ञेश्वर  महादेव को बक्सर का अद्वितीय स्थापत्य का नमूना बताया गया.  इसके पूर्व सुबह 7 बजे से मूर्तियों के दस विधि स्नान, श्रृंगार, वेद पूजन एवं पंचकुंड यज्ञशाला में हजारों गायत्री महामंत्र महामृत्युंजय मंत्र की आहुतियां प्रदान की गयी.

संध्या के समय विराट दीप यज्ञ संपन्न हुआ. इस दौरान नारियां देश की जग जाएं, अगर युग शाम ही बदलता चला जाएगा. गीत पर सभी लोग झूम उठे. इस दौरान मुख्य प्रबंध ट्रस्टी रामानंद तिवारी ने बताया कि हम लोगों को विचार क्रांति की लड़ाई लड़नी होगी, इसका हथियार गायत्री यज्ञ होगा. आगत अतिथियों का स्वागत गायत्री कुमारी ने स्वागत गीत गाकर किया तथा संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन अनुराग कुमार ने किया. इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष एवं इंदिरा उच्च विद्यालय के पूर्व प्राध्यापक महेश चौबे, आशुतोष दुबे, रणविजय ओझा, धनंजय पाठक राजा रमन पांडेय मौजूद रहे.
























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