Header Ads

विश्राम सरोवर मामले में तथ्य छुपाने पर न्यायालय ने भेजा नोटिस ..

कहा था कि जिस व्यक्ति द्वारा उक्त जमीन पर दावा किया जा रहा है उसने न्यायालय में प्रस्तुत अपने बाद में उक्त जमीन से संबंधित पदाधिकारियों यथा मत्स्य पदाधिकारी एवं सदर अंचलाधिकारी को पार्टी नहीं बनाया

- न्यायालय ने भी माना, तथ्य छुपा कर लिया गया एक तरफा फैसला.

- प्रशासन की  तरफ से अंचलाधिकारी ने रखा पक्ष.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: विश्राम सरोवर मामले में न्यायालय ने एकतरफा फैसला प्राप्त कर जमीन पर अपना दावा ठोक रहे व्यक्ति को नोटिस भेजते हुए जवाब मांगा है. न्यायालय ने उक्त व्यक्ति को भेजे गए नोटिस में पूछा है कि आखिर किस कारण से उसने मामले में संबंधित पदाधिकारी को पार्टी ना बनाते हुए स्थानीय वार्ड पार्षद को पार्टी बनाया था. साथ ही साथ जिला प्रशासन को नॉमिनल पार्टी बनाया गया था. कहीं ना कहीं से यह रवैया यह साबित करता है कि न्यायालय को अंधेरे में रखकर मामले में एक तरफा फैसला करा दिया गया है.

दरअसल, विश्राम सरोवर का मामला प्रकाश में आने के बाद जिला प्रशासन ने संबंधित न्यायालय में अर्जी देते हुए कहा था कि जिस व्यक्ति द्वारा उक्त जमीन पर दावा किया जा रहा है उसने न्यायालय में प्रस्तुत अपने बाद में उक्त जमीन से संबंधित पदाधिकारियों यथा मत्स्य पदाधिकारी एवं सदर अंचलाधिकारी को पार्टी नहीं बनाया. जिससे के उन्हें इस मामले की जानकारी ही नहीं हुई. जमीन चूंकि वर्षों से प्रशासन के कब्जे में है, ऐसे में इस बात की भनक प्रशासन को नहीं हो सकी. वहीं उक्त व्यक्ति ने न्यायालय को भी अंधेरे में रखते हुए मामले में एक तरफा फैसला करा लिया. हालांकि, दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद जब प्रशासन को इस विषय की जानकारी हुई तो मामले में उन्होंने न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया.

बता दें कि दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद जिला प्रशासन ने अपने प्रतिनिधि अंचलाधिकारी के द्वारा न्यायालय में विविध वाद लाते हुए फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया था. जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. सरकार की तरफ से अधिवक्ता प्रभुनाथ सिंह ने मामले में प्रशासन का पक्ष न्यायालय में रखा.














No comments