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एक करोड़ रुपये की लागत से बनी सड़क छह माह में ध्वस्त ..

नालियों की निकासी ना होना भी मुख्य रूप से सड़क टूटने का कारण बना है. इस सड़क के निर्माण के बाद लोगों ने काफी राहत महसूस की थी. लेकिन एक बार फिर इस सड़क के टूट-फूट की कहानी लिखी जानी शुरु कर दी गयी है

- वर्षों तक नारकीय स्थिति को झेलने के बाद बनी थी सड़क, छह माह में ही हुई टूट का शिकार.

- हाल पाण्डेयपट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग का.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आम आदमी के मेहनत से कमाए गए पैसों को टैक्स के रूप में लेकर सरकार उन्हें जनकल्याणकारी योजनाओं के रूप में खर्च करती है लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण जनता का पैसा कैसे बर्बाद हो जाता है इसका उदाहरण आपको पांडेय पट्टी-चक्रहंसी मुख्य मार्ग पर देखने को मिल सकता है, जहां एक करोड़ रुपये की लागत से बनी सड़क बनने के महज छह माह में ही टूटने लगी है.

सड़क की हालत खराब होने की वजह से तकरीबन दो वर्ष से नारकीय स्थिति झेल रहे लोगों की परेशानियों को देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 1 करोड़ 2 लाख 78 हज़ार 360 रुपये की लागत से पांडेय पट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग का निर्माण कराया गया था. इस सड़क को पिछले ही वर्ष 07 सितंबर को जनता की सेवा में समर्पित किया गया था. हालांकि तकरीबन 6 माह पूरा होते-होते सड़क कई जगह से टूटने लगी. बताया जा रहा है कि एक तरफ जहां घटिया स्तर की सामग्री का प्रयोग सड़क की टूट का कारण है, वहीं नालियों की निकासी ना होना भी मुख्य रूप से सड़क टूटने का कारण बना है. इस सड़क के निर्माण के बाद लोगों ने काफी राहत महसूस की थी. लेकिन एक बार फिर इस सड़क के टूट-फूट की कहानी लिखी जानी शुरु कर दी गयी है. हालांकि, सड़क की 5 साल तक मरम्मति एवं अनुरक्षण के लिए 6 लाख 42 हज़ार रुपयों की राशि निर्धारित है.

क्या है वजह: 

बताया जा रहा है कि जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण घरों से निकलने वाला पानी सीधे रोड पर ओवरफ्लो होकर सड़क पर बह रहा है और सड़क रोड को तोड़ रहा है
 वहीं कई जगहों पर सड़क के किनारे मिट्टी नहीं डाले जाने के कारण भी सड़क टूटी है.

कहते हैं अधिकारी:
सड़क की टूट-फूट की जानकारी मिली है जिसके बाद संवेदक को पत्र लिखा गया है शीघ्र ही सड़क को दुरुस्त करा लिया जाएगा.

मोती सागर सिंह,
कार्यपालक अभियंता
आर डब्ल्यू डी, बक्सर
















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