Header Ads

इस गाँव में "खाट एंबुलेंस" के सहारे है रोगियों की जान, ग्रामीणों ने भेजा प्रधानमंत्री को संदेश ..

अब इसे सरकारी बाबूओं की उदासीनता कहें या कुछ और, मात्र दो फिट चौड़ी कच्ची पगडंडियों पर ग्रामीण जनता चलने को मजबूर हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों ने कई बार जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्या को रखा. बावजूद इसके उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया. 

- सड़क निर्माण पर प्रशासन उदासीन, ग्रामीणों ने पीएम को किया ट्विट.
- ग्रामीणों ने दान दी अपनी जमीन, फिर भी नहीं बन पा रहे सड़क.

बक्सर टॉप न्यूज़,  बक्सर: आजादी के दशकों बीत जाने के भी सिमरी प्रखंड के एक गाँव के लोग कीचड़ युक्त कच्ची एवं पतली पगडंडियों पर चलने को मजबूर हैं. दुर्भाग्य तो यह है कि ग्रामीणों द्वारा अपनी जमीन दान दिए जाने के बावजूद भी सड़क का निर्माण नहीं किया जा रहा. ऐसे में ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री को ट्वीट कर मामले से अवगत कराया है.

दरसअल, सिमरी प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 2 किलोमीटर की दूरी पर बसे गोप भरौली गाँव में आजादी से लेकर आज तक सड़क निर्माण नहीं हो पाया है. तकरीबन 1400 की आबादी वाले इस गाँव को सिमरी-भोजपुर मुख्य मार्ग से आज तक नही जोड़ा गया. जिसके वजह से ग्रामीणों को शहर-बाजार जाने में काफी फजीहत झेलनी पड़ती हैं. अब इसे सरकारी बाबूओं की उदासीनता कहें या कुछ और, मात्र दो फिट चौड़ी कच्ची पगडंडियों पर ग्रामीण जनता चलने को मजबूर हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों ने कई बार जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्या को रखा. बावजूद इसके उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया. हालात यह हैं कि, हल्की बारिश हो जाने पर भी लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है. स्थिति इतनी बुरी है कि, बीमार व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने के लिए आज भी "खाट एंबुलेंस" का प्रयोग करना पड़ता है.

ग्रामीण सुजीत कुमार, मदन मोहन पान्डेय, वृंदा यादव, राजेंद्र यादव, रामनाथ राजभर, अजीत पांडेय, राहुल कुमार, मुकेश पांडेय, अतुल पांडेय, अवधेश यादव, अनिल यादव, पप्पू राय, सुनील पांडेय ने बताया कि जिन खेतों से होकर सड़क गुजरेगी उन खेतों के भू-स्वामियों से सड़क निर्माण कराने हेतु अपनी जमीन देने की सहमति देते हुए लोक शिकायत में आवेदन दे कर इसकी जानकारी दी हैं. बाउजूद इसके सड़क निर्माण को लेकर भू-अर्जन अथवा सड़क निर्माण विभाग विभाग इस पर कोई उचित एवं ठोस कदम नहीं उठा रहा. ऐसे में पदाधिकारियों के चौखट खटखटाते-खटखटाते थक चुकें ग्रामीण अब इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट कर अपनी समस्या से अवगत कराया है.








No comments