"पिया सावन में कजरी सुनावे चल .." कजरी उत्सव में पारंपरिक भोजपुरी गायकी से अश्लीलता पर जोरदार प्रहार ..
कहा कि भोजपुरी की जीवंत परंपरा को धूमिल करने वाले जो गीतकार अथवा गायक भोजपुरी में अश्लीलता घोल रहे हैं. उनके विरुद्ध लगातार अभियान तो चलाया जाता ही रहेगा साथ ही साथ कजरी उत्सव जैसे कार्यक्रम आयोजित कर भोजपुरी की गौरवशाली परंपरा को बचाए रखने के प्रयास भी किए जाते रहेंगे.
गीत प्रस्तुत करते भात शर्मा |
- अश्लीलता के विरुद्ध अभियान को लेकर आयोजित था कजरी उत्सव.
- सावन में गाए जाने वाली कजरी सुन झूमते रहे श्रोता.
अपनी प्रस्तुति देते गोपाल राय |
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "पिया सावन में कजरी सुनावे चल, झुलुआ झुलावे चल ना, तू पिरितिया के रीतिया निभावे चल झुलुआ झुलावे चल ना .." भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गायक भरत शर्मा ने कजरी उत्सव के दौरान जब यह गीत गाया तो ऐसा लगा मानो सावन की सुंदरता उनके गीतों में घुलकर आंखों के सामने जीवंत हो रही हो. वही प्रसिद्ध गायक गोपाल राय ने "फागुने में कईल करार हो .. सवनवो में ना अईला बलमु .." गाकर अपनी मधुर आवाज में विरह वेदना की शानदार प्रस्तुति की.
मौका था एम पी उच्च विद्यालय में आयोजित कजरी उत्सव का. इस दौरान कलाकारों ने सावन में गाए जाने वाली कजरी को सुना कर श्रोताओं को भोजपुरी की परंपरा से रूबरू कराया. श्रोता भी देर रात तक पारंपरिक गीतों को सुनकर आनंद की सरिता में गोते लगाते रहे. इसके पूर्व सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, वरिष्ठ अधिवक्ता बबन सिंह, सदर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय, समाजसेवी नंद कुमार तिवारी तथा शुशील राय तथा भरत शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया.
उद्घाटन के पश्चात प्रख्यात गायक भरत शर्मा, गोपाल राय, विपुल नायक तथा प्रियंका पायल ने श्रोताओं को भोजपुरी की मिठास से इस कदर परिचित कराया कि श्रोता देर तक अपनी जगह से टस से मस नहीं हुए. कार्यक्रम में मंच संचालन विजय बहादुर ने किया. उधर मंच पर श्री कृष्ण राधिका का रूप धरे बच्चों ने भी सबका मन मोह लिया.
मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के आयोजक नंद कुमार तिवारी ने कहा कि भोजपुरी की जीवंत परंपरा को धूमिल करने वाले जो गीतकार अथवा गायक भोजपुरी में अश्लीलता घोल रहे हैं. उनके विरुद्ध लगातार अभियान तो चलाया जाता ही रहेगा साथ ही साथ कजरी उत्सव जैसे कार्यक्रम आयोजित कर भोजपुरी की गौरवशाली परंपरा को बचाए रखने के प्रयास भी किए जाते रहेंगे. सुशील राय ने कहा कि गायक तथा गीतकार अगर पारंपरिक गीतों को भी दर्शकों के बीच रखें तो उनके श्रोताओं की भी कमी नहीं होगी. साथ ही इस गौरवशाली भाषा को विलुप्त होने से भी बचाया जा सकेगा.
मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलेश सिंह, रेडक्रॉस के सचिव डॉ. श्रवण कुमार तिवारी, जिला पार्षद बंटी शाही, युवा समाजसेवी सौरभ तिवारी, अधिवक्ता रेनू रणविजय ओझा, भाजपा नेता हिमांशु चतुर्वेदी, जदयू नेता संजय सिंह, रवि सिन्हा, रजनीश कुमार, चंदन यादव, मिथिलेश पांडेय समेत कई लोग मौजूद रहे.
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