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मनरेगा में भ्रष्टाचार: वर्षों से चल रहा खेल, पीएम से लेकर डीएम तक के आदेश को दिखाया ठेंगा ..

ठीक उसी प्रकार योजना में अनियमितता की शिकायत मिलने पर भी वर्षों तक मामलों की जांच तक नहीं की जाती. मजे की बात तो यह है कि, भ्रष्टाचार के इस खेल में देश के प्रधानमंत्री तक के आदेश की अवहेलना बड़े ही आसानी से कर दी जाती है.

- सिमरी प्रखंड काजीपुर पंचायत में सामने आया था भ्रष्टाचार का मामला.
- वर्षों बीतने के बावजूद नहीं हो सकी मामले की जांच.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: मनरेगा में भ्रष्टाचार की जड़े काफी गहरी हैं. मामला किसी एक या दो पंचायत का नहीं बल्कि पूरे जिले भर में ऐसे तमाम उदाहरण है जो मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं को उजागर करते हैं. बताया जाता है कि, जिस प्रकार मनरेगा में पैसे ना मिलने पर कार्रवाई की जाती है. ठीक उसी प्रकार योजना में अनियमितता की शिकायत मिलने पर भी वर्षों तक मामलों की जांच तक नहीं की जाती. मजे की बात तो यह है कि, भ्रष्टाचार के इस खेल में देश के प्रधानमंत्री तक के आदेश की अवहेलना बड़े ही आसानी से कर दी जाती है. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जिले के आला अधिकारी भी इस तरह के मामले में मौन साधे रहते हैं.

पीएम से लेकर डीएम के आदेश को भी दिखाया ठेंगा:

वित्तीय वर्ष 2016-17 के एक मामले में सिमरी प्रखंड के काजीपुर पंचायत में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर गबन को लेकर स्थानीय निवासी मोहम्मद इम्तियाज अंसारी ने प्रधानमंत्री को को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने बताया कि, वैसे तो भ्रष्टाचार के कई मामलों को उन्होंने उजागर किया है लेकिन, वित्तीय वर्ष 2016-17 के एक मामले में काजीपुर पंचायत के मनरेगा योजना संख्या 38 में केदार यादव के दरवाजा से मेन रोड तक टुकड़ा, बालू, ईंट सोलिंग और पीसीसी कार्य कराया जाना था, जिसमें बिना ईट सोलिंग कराए ही पंचायत के मुखिया और पंचायत के रोजगार सेवक की मिलीभगत से राशि की निकासी कर ली गयी. प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले निर्देशों के आलोक में जिलाधिकारी ने मामले की जांच करने के आदेश मनरेगा कर्मियों तथा एक वरीय पदाधिकारी को को दिए. इसके बाद भी मामले की जांच नहीं हो सकी. ऐसे में आवेदक ने जिलाधिकारी को एक बार फिर पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया. लेकिन, इस बार भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी.

डीआरडीए कर्मियों ने कहा नीचे से लेकर ऊपर ऊपर तक पहुंचा है  हिस्सा:

आवेदक का कहना है कि, इस तरह के रवैये से भ्रष्टाचारियों का मनोबल चरम पर है. उन्होंने बताया कि, वह मामले में डीआरडीए भी पहुंचे थे जहां कर्मियों द्वारा उन्हें बार-बार बरगलाया जाता रहा. उन्होंने आश्चर्य जताया कि, पीएम से लेकर डीएम तक के आदेश को भी भ्रष्टाचारियों द्वारा कैसे दरकिनार कर दिया जाता है? मोहम्मद इम्तियाज ने बताया कि डीआरडीए के कर्मी ने उन्हें अपनी शिकायत वापस लेने की भी सलाह दी थी तथा यह बताया था कि, आप चाहे कहीं भी शिकायत कर लीजिए कुछ भी नहीं होने वाला. क्योंकि, मामले में बड़े अधिकारियों तक भी उनका हिस्सा पहुंचा दिया गया है.

वरीय अधिकारियों से मिलने पटना गए जिले के दो आला अधिकारी:

भ्रष्टाचार का यह मामला सामने आने के बाद जिले के कई अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, इस मामले की धमक पटना तक पहुंच गई है. इसी बीच जिले के दो आला अधिकारी मंगलवार को मामले के संबंध में विचार विमर्श करने के लिए पटना रवाना हुए. सूत्रों की माने तो भ्रष्टाचार के इस मामले के सामने आने के बाद अधिकारियों को पटना बुलाया गया है.जिसके बाद विभागीय निर्देशों के आलोक में वह आगे की कार्रवाई करेंगे.



















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