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नप की माया, कोई समझ ना पाया: पहले खुद ही भरवाया, अब साढ़े 12 लाख रुपये के खर्च से विश्राम सरोवर की खुदाई ..

दरअसल, मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी जल- जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत नगर के विश्राम सरोवर के उड़ाही का कार्य शुरु हो गया है. नगर परिषद इसके लिए तकरीबन साढ़े 12 हज़ार रुपये खर्च कर इसकी उड़ाही कराने के साथ-साथ इसमें स्वच्छ जल भरवाते हुए इसके किनारों पर पौधरोपण किया जाएगा.

- हर दिन हो रहा हज़ारों रुपयों का खर्च.
- अतिक्रमण को लेकर पक्षपात किए जाने की भी सामने आ रही बात

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर परिषद के खेल भी निराले हैं  जिस पोखर को नगर परिषद ने स्वयं ही भरवाया था अब उसकी उड़ाही के लिए साढ़े लाखों रुपये का खर्च किया जा रहा है. दरअसल, मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी जल- जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत नगर के विश्राम सरोवर के उड़ाही का कार्य शुरु हो गया है. नगर परिषद इसके लिए तकरीबन साढ़े 12 हज़ार रुपये खर्च कर इसकी उड़ाही कराने के साथ-साथ इसमें स्वच्छ जल भरवाते हुए इसके किनारों पर पौधरोपण किया जाएगा.

इस बाबत जानकारी देते हुए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि, इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात कार्य आरंभ हो गया है. चयनित एजेंसी द्वारा सरोवर की खुदाई करवाकर गंदगी को बाहर करवा देना है. तत्पश्चात इसमें स्वच्छ जल भरा जाना है एवं किनारों पर पौधारोपण भी करना है. उन्होंने बताया कि, संवेदक ने कार्य शुरु करा दिया है.

12 लाख 33 हजार रुपए की लागत से होगा कायाकल्प, प्रतिदिन 20 से 25 हज़ार रुपये किया जा रहा खर्च:  

कनीय अभियंता संदीप कुमार पांडेय से बात करने पर उन्होंने बताया कि, 29 हज़ार स्क्वायर फीट में अवस्थित इस सरोवर के कायाकल्प के लिए 12 लाख 33 हज़ार रुपये की राशि खर्च करनी है. सरोवर से निकाली गई मिट्टी  को  सरोवर के  किनारों पर रखा जाएगा जिस पर पौधारोपण करने की योजना है. यह कार्य वन विभाग अथवा नगर परिषद के द्वारा कराया जाएगा. चयनित एजेंसी रवीश कुमार सिंह के द्वारा कार्य कराया जाएगा. कनीय अभियंता ने बताया कि पोखरे के उड़ाही में प्रतिदिन हजारों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. केवल डीजल के मद में 19 हजार रूपये खर्च किए जा रहे हैं.

नगर परिषद ने ही डंपिंग जोन बनाकर मिटाया अस्तित्व, अब खर्च हो रहे लाखों:

विश्राम सरोवर का इतिहास पुराना रहा है बताया जाता है कि, त्रेता युग में जब भगवान राम पंचकोशी यात्रा पर निकले थे तो उन्होंने बसांव मठ में रात्रि विश्राम के पश्चात सुबह में मठ के समीप अवस्थित इस सरोवर में स्नान किया था. हालांकि, वर्तमान समय में नगर परिषद के द्वारा कचरे को डंप किए जाने के कारण पूरी तरह से भर चुका है. जिसे अब लाखों रुपये खर्च कर पुनः उड़ाही करायी जा रही है. बताया जा रहा है कि, नगर परिषद के द्वारा कचरे के डंप किए जाने से भर जाने के बाद पोखरे का अस्तित्व ही पूरी तरह से खत्म हो गया था. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इस पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि आसपास के लोगों ने भी पोखरे की जमीन का अतिक्रमण किया है. जिसे प्रशासन द्वारा हटाया जाएगा हालांकि, अभी तक प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में कोई पहल नहीं किए जाने पर स्थानीय लोगों ने पक्षपात का भी आरोप लगाया है। हालांकि, कनीय अभियंता संदीप कुमार ने बताया कि अभी प्रारंभिक चरण का काम हो रहा है जिसके बाद अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासन से कार्रवाई का अनुरोध किया जाएगा.

















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