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राम की पाठशाला में बिखर रही मिथिला पेंटिंग की खूबसूरती ..

उनके द्वारा  व्यवहार न्यायालय के बाल तथा कुटुंब न्यायालय में भी पेंटिंग्स बनाई गई है. वहीं, अब उनके द्वारा बक्सर नगर के जिलाधिकारी आवास, नगर परिषद कार्यालय, रैन बसेरा, रामरेखा घाट, थाना बाबा घाट, इत्यादि जगहों पर पेंटिंग्स बनाई गई है. वहीं, डुमरांव में भी काम तेजी से जारी है.


- मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से दिए जा रहे जागरूकता व स्वच्छता के संदेश
- फाइन आर्ट्स के कलाकार बना रहे हैं कलाकृतियां.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर की दीवारों पर अब मिथिला की कलाकारी देखने को मिल रही है. दरअसल नगर में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों की दीवारों को मिथिला की प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग से सजाया जा रहा है. इन पेंटिंग्स के माध्यम से सामाजिक संदेशों के साथ-साथ जागरूकता से जुड़े संदेश लोगों के बीच दिए जा रहे हैं. यह कार्य शहरी आवास एवं विकास विभाग के निर्देश पर कलाकृति मंच के कलाकारों के द्वारा किया जा रहा है.

जानकारी देते हुए कलाकृति मंच कि बक्सर प्रभारी मोनिका कुमारी ने बताया कि, उनकी संस्था के द्वारा शहरी आवास एवं विकास विभाग के निर्देश पर बक्सर एवं डुमराँव नगर परिषद क्षेत्र में मधुबनी पेंटिंग बनाकर जागरूकता तथा स्वच्छता के संदेश दिए जा रहे हैं.

बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स के विद्यार्थी हैं कलाकृति मंच के कलाकार:

मोनिका बताया कि, कलाकृति मंच के सभी कलाकार पटना कॉलेज के बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स के विद्यार्थी हैं. उन्हें पटना तथा राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में कई पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं. उनके द्वारा  व्यवहार न्यायालय के बाल तथा कुटुंब न्यायालय में भी पेंटिंग्स बनाई गई है. वहीं, अब उनके द्वारा बक्सर नगर के जिलाधिकारी आवास, नगर परिषद कार्यालय, रैन बसेरा, रामरेखा घाट, थाना बाबा घाट, इत्यादि जगहों पर पेंटिंग्स बनाई गई है. वहीं, डुमरांव में भी काम तेजी से जारी है.


पारंपरिक चित्रकारी के माध्यम से सामाजिक संदेश देने की कोशिश:

उन्होंने ने बताया कि, निर्धारित मापदंडों के अनुसार काम और दीवार पर पेंटिंग का काम सौंप दिया गया है ‘मधुबनी पेंटिंग’ के माध्यम से बक्सर तथा डुमरांव की दीवारों पर परंपरागत चित्रकला के अतिरिक्त कई सामाजिक संदेश देने वाले चित्र भी बनाए जा रहे हैं. उनके साथ उनकी टीम में शामिल कलाकारों में अमरीश तिवारी, उत्सव कुमार, शंकर कुमार, यास्मीन, अजय कुमार, शशि कुमार शामिल हैं.

मानवता से लेकर स्वच्छता के संदेश:

परंपरागत राम-सीता विवाह, महाभारत के प्रसंग के अलावा बुद्ध के उपदेश और जीवन दर्शन से संबंधित चित्र, महावीर और श्रीगुरु गोविंद सिंहजी से संबंधित प्रसंगों की पेटिंग शामिल हैं. इसमें मानवता के संदेश हैं. घर-घर कचरा उठाव, स्वच्छता सर्वेक्षण, प्लास्टिक प्रतिबंध, महिला सशक्तीकरण, ट्रैफिक कंट्रोल, जन सेवा केंद्र, पर्यावरण, वेडिंग जोन, स्लम एरिया डेवपलपमेंट आदि को भी पेंटिंग में जगह दी जा रही है.

गुणवत्तापूर्ण पेंट का किया जा रहा प्रयोग:

शहर की दीवारों पर बन रही रंग-बिरंगी पेंटिंग्स के बारे में नगर परिषद के अधिकारी बताते हैं कि, इस काम में बेहतर गुणवत्ता के पेंट का उपयोग किया जा रहा है. पेंट नप की ओर से मुहैया कराया जा रहा है. दावा किया  जा रहा है कि एक बार दीवार के रंगे जाने के बाद कम से कम पांच साल से आठ साल तक रंग फीका नहीं पड़ेगा.

दीवारों को गंदा करने की प्रवृत्ति में भी आएगी कमी:

बताया जा रहा है कि, कलाकृति बनने के बाद लोगों में दीवारों को गंदा करने की प्रवृत्ति में कमी आएगी। बताया जा रहा है कि धीरे-धीरे नगर के सभी दीवारों पर  मधुबनी पेंटिंग नजर आएगी। वहीं, इन दीवारों को दीवारों को गंदा करते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गंदगी फैलाने वालों की शिनाख्त होने के बाद उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।
















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