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सरकार पर श्रमिक विरोधी होने का आरोप लगाकर बक्सर में जमकर हुआ विरोध, बैंकों में लटके रहे ताले ..

कहा कि सरकार युवाओं के पढ़ने लिखने की व्यवस्थाओं तक को कुंद कर देना चाहती है यह सरकार कभी भी गरीब व मजदूर हितैषी नहीं हो सकती. इस दौरान बक्सर की सड़कों पर विरोध मार्च के दौरान सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष श्रमिक तथा उनके समर्थक मौजूद रहे.


- बंद को वाम दलों ने भी दिया समर्थन
- बंद से बाहर रहा भारतीय स्टेट बैंक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकार पर श्रमिक विरोधी नीतियों का आरोप लगा कर कर विभिन्न मजदूर संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल के तहत बक्सर में अपना विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान वामदलों ने भी उनका समर्थन किया. साहित्यकार कुमार नयन  छात्र नेता राजेश शर्मा अंकित कुमार सिंह  आदि ने  इस हड़ताल का समर्थन करते हुए सड़कों पर निकाले गए अपने प्रदर्शन  में कहा कि सरकार जन विरोधी तथा मजदूर विरोधी नीतियों पर चल रही है. कुमार नयन ने कहा कि सरकार युवाओं के पढ़ने लिखने की व्यवस्थाओं तक को कुंद कर देना चाहती है यह सरकार कभी भी गरीब व मजदूर हितैषी नहीं हो सकती. इस दौरान बक्सर की सड़कों पर विरोध मार्च के दौरान सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष श्रमिक तथा उनके समर्थक मौजूद रहे.

बक्सर की सड़कों पर विभिन्न ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को आयोजित कर्मचारियों की देश व्यापी हड़ताल में डाक विभाग के साथ बैंक कर्मचारी के सभी संगठन शामिल रहे. हड़ताल को लेकर बैंकों और डाकघरों में जहां ताले लटके रहे वहीं सारे कर्मचारी अपने कार्यालय के समक्ष एककुट हो सरकारी की नीतियों के विरोध में नारे लगाते रहे. हालांकि, देश व्यापी हड़ताल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल नहीं हुआ है.

बुधवार को देशव्यापी हड़ताल के आह्वान को लेकर जिले के सभी बैंक और डाकघर पूरे दिन बंद रहे. इस दौरान अरेबिया के आह्वान पर दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की मुख्य शाखा के समक्ष तमाम बैंक कर्मी एकत्र होकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की. मौके पर वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर बैंकिग सुधार के नाम पर बैंकों का विलय, वेतन पुनरीक्षण के साथ ही बैंकों में पर्याप्त कर्मचारी देने, एनीपीए की वसूली हेतू सख्त कानून, नई पेंशन नीति की वापसी, पुरानी पेंशन नीति लागू करने, वेतन पुनरीक्षण, आउटसोर्सिंग पर रोक आदि की मांग की. अधिकारियों ने बताया कि ट्रेड यूनियन के अधिकारों की रक्षा के लिए यह हड़ताल बेहद जरूरी था. कार्यक्रम का नेतृत्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष रणवीर आनंद ने किया. मौके पर धनंजय सिंह, पीएस पांडेय, श्रीनिवास राम, इकाई सचिव चंदन कुमार, अंजनी कुमार ओझा, इश्वर चंद्र शर्मा, बबन सिंह, अमित कुमार, श्रीनारायण पाठक आदि तमाम कर्मचारी मौजूद थे. 

उधर, प्रोविसियल बैंक कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिलेके सभी बैंकोंमें हड़ताल के कारण ताले लटके रहे. मौके पर अजय कुमार, शांता राम, अखिलेश कुमार, रामाशंकर राय, हरे मुरारी केशरी आदि मौजूद थे. वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय संघ के आह्वान पर डाक कर्मचारी संघ अपनी 25 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे. हड़ताल में अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ, राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ और अखिल भारतीय डाक ग्रामीण कर्मचारी संघ के सारे कर्मचारी शामिल रहे. प्रधान डाकघर के समक्ष प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने जोरदार नारों के बीच बताया कि मुख्य रूप से पुरानी पेंशन नीति को लागू करने तथा ग्रामीण डाक सेवकों की सेवा को नियमित करने समेत सभी 25 सूत्री मांगों को दुहराया. इस अवसर पर संघ के सचिव अरविद कुमार राय, अरूण कुमार पांडेय, इब्राहिम अंसारी, अजय बहादुर सिंह के साथ ही पारस नाथ आजाद, अमित कुमार, महेंद्र मिस्त्री, शैलेंद्र टुडू, श्याम बिहारी यादव, सुरेश मसीह, मनीष कुमार, कन्हैया कुमार, शंभु राय, पंकज कुमार, रविद्र कुमार, महन्थ शर्मा, सोरिद्र कुमार और राहुल कुमार समेत तमाम डाककर्मी शामिल रहे.


















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