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कोरोना से लड़ने के लिए आगे आयी जीविका की महिलाएं, झोंकी ताकत ..

प्रारंभिक जरूरत के रूप में सर्वाधिक डिमांड इन दिनों मास्क की है. जीविका के ब्रह्मपुर प्रखंड के परियोजना प्रबंधक अनिल कुमार चौबे के मार्गदर्शन से ब्रह्मपुर तथा चौगाईं में दो जीविका समूहों के द्वारा दिन-रात युद्ध स्तर पर मास्क का निर्माण किया जा रहा है.


- ब्रम्हपुर प्रखंड में युद्ध स्तर पर जारी है मास्क का निर्माण
- जिला प्रशासन से मिला है बड़ा आर्डर.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोला वायरस नामक वैश्विक महामारी से निपटने के लिए बक्सर जिला प्रशासन जहां दिन रात क्रियाशील है वहीं, दूसरी तरफ जीविका कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासन के हौसले को बुलंद करते हुए इस महामारी से निपटने में अपना योगदान देना शुरू कर दिया है. प्रारंभिक जरूरत के रूप में सर्वाधिक डिमांड इन दिनों मास्क की है. जीविका के ब्रह्मपुर प्रखंड के परियोजना प्रबंधक अनिल कुमार चौबे के मार्गदर्शन से ब्रह्मपुर तथा चौगाईं में दो जीविका समूहों के द्वारा दिन-रात युद्ध स्तर पर मास्क का निर्माण किया जा रहा है.

ब्रह्मपुर में "उन्नति जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ" की अध्यक्ष जहाना खातून ने बताया कि  उनके साथ  जीविका जीविका दीदियों की टीम लगातार कार्य कर रही हैं. इस टीम को प्रखंड अस्तर पर तकरीबन 2 हज़ार मास्क बनाने का आर्डर मिला है, जिसके लिए सभी सदस्य लगातार काम कर रहे हैं. वहीं, चौगाईं की खुशी जीविका महिला सिलाई उत्पादन समूह की अध्यक्ष सविता देवी ने बताया कि उन्हें भी मास्क बनाने के बड़े ऑर्डर मिले हैं. उन्होंने बताया कि, अब तक उन्होंने काफी मास्क बनाकर सप्लाई भी कर दिए जिसे पुलिस, स्वास्थ्य विभाग के लोग तथा अन्य प्रशासनिक कर्मी इस्तेमाल कर रहे हैं. 

प्रखंड परियोजना प्रबंधक अनिल कुमार चौबे ने बताया कि, मास्क बनाने के दौरान कपड़े की जरूरत पड़ रही थी. कपड़े की किल्लत होने पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से दुकानों को खुलवा कर कपड़ों की आपूर्ति कराई गई है. जिसके बाद नियमित रूप से कार्य किया जा रहा है उन्होंने बताया कि, अब तक जिला प्रशासन तथा स्थानीय प्रशासन के द्वारा 7 हज़ार मास्क बनाने का ऑर्डर मिला था जिसमें दो हजार मास्क की सप्लाई दोनों जीविका समूह के द्वारा की जा चुकी है. शीघ्र ही 5 हज़ार और मास्क बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया की मास्क की किल्लत तथा कालाबाजारी की खबरों के बीच उनके जेहन में यह आइडिया आया जिसके बाद उन्होंने जीविका समूह की दीदियों से इस बात पर चर्चा की और प्रशासन से हरी झंडी मिलने के साथ ही मास्क बनाने का कार्य शुरू हो गया. यहाँ एक मास्क की कीमत 16 से बीस रुपये है जो कि कपड़े का है और इसे धोकर पुनः इस्तेमाल किया जा सकता है.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखते हैं ख्याल: 

जीविका के संचार प्रबंधक रोशन कुमार बताते हैं कि मास्क बनाने के दौरान एक साथ बहुत ज्यादा भीड़ इकट्ठा ना हो इसलिए सभी जीविका दीदियों यह कहा गया है कि, वह अपने घरों पर मास का निर्माण करें वही एक जीविका कार्यकर्ता मुन्नी देवी उन महिलाओं के घर जा कर उन्हें कपड़ा तथा अन्य जरूरी सामान मुहैया करा रही हैं वहीं, तैयार मास्क की डिलीवरी भी कर रही हैं.

कहते हैं जिलाधिकारी:

वैश्विक संकट की इस घड़ी में जीविका दीदियों का हौसला काबिले तारीफ है. जरूरत के हिसाब से उनको मास्क बनाने के ऑर्डर दिया जा रहा है.

अमन समीर,
जिलाधिकारी, बक्सर













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