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बीएड के फीस में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में हुआ विधानसभा का घेराव ..

उन्होंने कहा कि दो वर्षीय बीएड कोर्स के संचालन के लिए सरकार ने प्रति छात्र 95 हज़ार का शुल्क निर्धारित किया है, लेकिन बिहार में चल रहे बीएड कॉलेजों में काबिज शिक्षा माफियाओं के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में शुल्क वृद्धि को लेकर एक मुकदमा दायर किया गया था

-शुल्क वृद्धि के चार माह बीतने पर भी सरकार की चुप्पी पर आक्रोश. 

- घेराव के दौरान सरकार पर लगाए संगीन आरोप. 



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बीएड के फीस में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में छात्र राजद तथा आईसा कार्यकर्ताओं ने बिहार विधानसभा का घेराव किया गया. कार्यक्रम का नेतृत्व छात्र राजद के रामाशंकर सिंह कुशवाहा ने किया. इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दो वर्षीय बीएड कोर्स के संचालन के लिए सरकार ने प्रति छात्र 95 हज़ार का शुल्क निर्धारित किया है, लेकिन बिहार में चल रहे बीएड कॉलेजों में काबिज शिक्षा माफियाओं के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में शुल्क वृद्धि को लेकर एक मुकदमा दायर किया गया था. मुकदमे में बीएड कॉलेजों एवं सरकार के बीच चली "फ्रेंडली-फाइट" में सरकार मुकदमा हार जाती है और पटना हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा 95 हजार से बढ़ाकर एनसीटीई द्वारा निर्धारित अधिकतम शुल्क 1 लाख 50 हज़ार 840 रुपये कर दिया गया.

लेकिन फैसला आए हुए लगभग चार महीना हो गया, जिसमें अभी तक सरकार की तरफ से ना ही डबल बेंच में अपील की गई ना ही रिव्यू पिटीशन दायर किया गया. इसका मतलब स्पष्ट है कि सरकार कोर्ट के रास्ते मूलभूत सुविधाओं एवं एनसीटीई के शर्तों का पालन किए बिना मनचाही फीस वसूलने के लिए शिक्षा माफियाओं को लाइसेंस दे दिया है. इसलिए छात्र विरोधी निकम्मी एवं सोई हुई सरकार की नींद तोड़ने के लिए विधानसभा का घेराव किया गया.























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