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माता-पिता की सेवा से घर में होता है लक्ष्मी का वास- आचार्य बद्रीनाथ बनमाली ।

वहीं तीनों तापों के प्रदाता और विमोचन करता भी हैं. जैसे पिता पुत्र को गलती पर उसे दंडित करता है उसी तरह परमपिता परमेश्वर भी अपने पुत्रों को दंडित करते हैं

- त्रिदंडी स्वामी समाधि स्थल पर आयोजित है सात दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ.

- प्रवचन को सुनने दूर- दराज से आ रहे हैं श्रोता.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:श्री त्रिदंडी स्वामी जी के परम शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में 26 नवंबर से सात दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का शुभारंभ किया गया है. यह यज्ञ श्री त्रिदंडी स्वामी जी के पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया है. उनकी पुण्यतिथि 2 दिसंबर 2018 को है. श्री त्रिदंडी स्वामी समाधि स्थल चरित्रवन बक्सर में आयोजित सात दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में सैकड़ों की संख्या में भक्तगण दर्शन हेतु आ रहे हैं. मंत्रोच्चार से पूरा क्षेत्र भक्तिमय बन गया है.



  प्रतिदिन संध्या 3:00 बजे से 6:00 बजे तक  प्रवचन हो रहा है. जिसे सुनने के लिए काफी दूर-दूर से काफी संख्या में महिला तथा पुरुष जुट रहे है। 3:00 बजे से 4:00 बजे तक जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री बैकुंठ नाथ स्वामी जी का तथा 4:00 से 5:00 बजे तक जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री बदरीनाथ बनमाली जी महाराज का तथा 5:00 बजे से 6:00 बजे तक जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री मुक्तिनाथ स्वामी जी महाराज का प्रवचन चल रहा है. श्री बनमाली जी महाराज जी ने आज प्रवचन के दौरान कहा कि भगवान के सत चित आनंद स्वरूप होते हुए इनसे भी अलग और विशिष्ट है. जो सृष्टि के श्रीजन पालन तथा संहार के हेतु है. वहीं तीनों तापों के प्रदाता और विमोचन करता भी हैं. जैसे पिता पुत्र को गलती पर उसे दंडित करता है उसी तरह परमपिता परमेश्वर भी अपने पुत्रों को दंडित करते हैं. श्री लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी महाराज जी से मिलने हेतु अन्य जिला से भी काफी संख्या में लोग दर्शन हेतु आए. उन को समझाते हुए स्वामी जी ने कहा कि धर्म से नहीं हटना चाहिए. विषम परिस्थिति में भी धर्म का पालन करना चाहिए.

घर में माता पिता का सम्मान करना चाहिए. बड़े बुजुर्गों का आदर करना चाहिए. जिस घर में माता पिता की कद्र होती है उस घर में लक्ष्मी का वास होता है. उन्होंने कहा कि गंगा गीता गौ गायत्री की पूजा करने से तथा तुलसी को दीपदान करने से घर में दरिद्रता नहीं आती. सुबह से शाम तक प्रसाद वितरण का दौर चल रहा है. काफी दूर-दूर से साधु संत यज्ञ में हिस्सा लेने के लिए आए हुए हैं जिनमें संत पवन शास्त्री जी बैकुंठ नाथ जी बद्रीनाथ ब्रह्मचारी जी संजय शर्मा जी आदि काफी संख्या में साधु महात्मा त्रिदंडी स्वामी समाधि स्थल पर जुटे हुए हैं इस आशय की जानकारी मीडिया प्रभारी अखिलेश बाबा ने दी.























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