अब डरा रहा गंगा जलस्तर ..
शनिवार की सुबह आठ बजे चार सेंमी की रफ्तार के साथ 52.17 तथा अपराह्न तीन बजे एक बार पुन: दो सेंमी की रफ्तार के साथ 52.35 मीटर दर्ज किया गया है. अभियंता ने बताया कि फिलहाल जलस्तर के उपर आने के साथ ही गंगा का पाट चौड़ा होने के कारण रफ्तार कम और ज्यादा होती रहती है. पर, पानी के आवक में कोई कमी नहीं हुई है.
- खतरे के निशान से महज 7 मीटर नीचे है गंगा.
- 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे है वृध्दि की रफ्तार.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. शनिवार को बक्सर में जलस्तर बढ़कर 52.35 मीटर पहुंचने के साथ ही अब चेतावनी बिदु से मात्र सात मीटर नीचे रह गया है. इसके साथ ही जिले के निचले इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जिसे देखते हुए तटवर्ती गांवों के लोग चितित हैं.
एक सप्ताह से गंगा के जलस्तर में तेजी के साथ वृद्धि दर्ज की जा रही है. शुरू में आधा सेंमी की रफ्तार से बढ़ने का शुरू हुआ सिलसिला पांच सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ने के बाद लगतार उतार-चढ़ाव पर है. केंद्रीय जल आयोग के कनीय अभियंता कन्हैया कुमार के अनुसार बक्सर में गुरुवार को इसकी रफ्तार बढ़कर पांच सेंमी प्रति घंटा तक पहुंच गई थी. जबकि अगले दिन शुक्रवार की सुबह आठ बजे पांच सेंमी की के साथ ही जलस्तर 51.26 मीटर दर्ज किया गया. हालांकि, दोपहर बाद रफ्तार घट कर दो सेंमी रह गई और जलस्तर 51.62 मीटर दर्ज किया गया. जबकि, शनिवार की सुबह आठ बजे चार सेंमी की रफ्तार के साथ 52.17 तथा अपराह्न तीन बजे एक बार पुन: दो सेंमी की रफ्तार के साथ 52.35 मीटर दर्ज किया गया है. अभियंता ने बताया कि फिलहाल जलस्तर के उपर आने के साथ ही गंगा का पाट चौड़ा होने के कारण रफ्तार कम और ज्यादा होती रहती है. पर, पानी के आवक में कोई कमी नहीं हुई है.
डरा रहा है तेजी से बढ़ रहा जलस्तर:
बताते चलें कि बक्सर में चेतावनी बिदु 59.32 मीटर तथा खतरे का निशान 60.32 मीटर है. इस प्रकार बक्सर में गंगा चेतावनी बिदु से महज सात मीटर नीचे रह गई है. इस बीच गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिले के तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों में दहशत फैलती जा रही है. लोगों को 2013 और 2016 में जिले में आई बाढ़ की याद आने लगी है. जब सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे, तथा लाखों रुपयों की फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई थी. हालांकि, बाढ़ की संभावना को देखते हुए इस बार जिला प्रशासन पहले से ही सतर्क है. इसको देखते हुए बाढ़ पीड़ितों की मदद एवं राहत की तैयारियां कर ली गई हैं.
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