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Buxar Top News: मैट्रिक, इण्टर पास युवाओं को सरकार दे रही पैसा, प्रशिक्षण और रोजगार, जागरुकता के लिए सरकारी कर्मी पहुंचेंगे हर घर द्वार ..

आवेदक को ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद डीआरसीसी में आकर अपने प्रमाण पत्र की जांच करा लेना  है. 

- जिलाधिकारी ने मातहतों के साथ की बैठक,दिए आवश्यक निर्देश.
- दो माह के भीतर सभी जरूरतमंद युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य.

बक्सर टॉप न्यूज़,बक्सर:  विकसित बिहार के सात निश्चय के तहत डीआरसीसी के सौजन्य से प्रशिक्षण का कार्यक्रम जिला पदाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की उपस्थिति में संपन्न किया गया. इस दौरान जिला योजना पदाधिकारी अजय कुमार  ने अपने संबोधन में कहा कि आर्थिक हल युवाओं को बल के तहत इंटर पास बच्चों को जो पढ़ाई छोड़ दिए हैं तथा जिनकी उम्र 20 से 25 वर्ष है उनको मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत 2 वर्ष तक प्रतिमाह 1000 की सहायता राशि दी जा रही है. आवेदक को इस जिला का स्थाई निवासी होना चाहिए. यह सहायता राशि उन्हें नौकरी तलाश में नौकरी के लिए फॉर्म भरने, पुस्तक खरीदने एवं इंटरव्यू में शामिल होने के लिए दी जा रही है. आवेदक को स्व हस्ताक्षरित फोटो के साथ 10 वीं एवं 12 वीं पास करने का प्रमाण पत्र देना जरूरी है. बैंक के पासबुक का फोटो कॉपी एवं आधार कार्ड भी उपलब्ध कराना है. आवेदक को ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद डीआरसीसी में आकर अपने प्रमाण पत्र की जांच करा लेना  है. 

कुशल युवा कार्यक्रम के तहत उन्होंने कहा कि इससे 15 से 25 वर्ष के बच्चे जो मेट्रिक पास किए हैं लाभान्वित होंगे इन्हें भी इसी जिला का निवासी होना चाहिए स्थाई निवास प्रमाण पत्र के साथ आधार कार्ड भी स्व हस्ताक्षरित फोटो के साथ ऑनलाइन पर फॉर्म नि:शुल्क भर भर कर देना है. इन्हें 240 घंटा का विभिन्न प्रकार के ट्रेडों  में प्रशिक्षण दिया जाना है. ताकि आगे नौकरी  प्राप्त कर सके.यह प्रशिक्षण मैट्रिक से लेकर आगे उच्च शिक्षा प्राप्त सभी को दिया जाना है. बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उन्होंने बताया कि इस में 12 वीं पास के सभी बच्चे सम्मिलित होंगे. इसके तहत चार लाख रुपए की राशि ऐसे विद्यार्थियों को दी जाती है जो बच्चे आगे उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तथा उसके लिए इनके पास राशि उपलब्ध नहीं है. इसमें सभी तकनीकी शिक्षा एवं सामान्य शिक्षा सम्मिलित है. यदि कोई भी विद्यार्थी मेडिकल, इंजीनियरिंग, व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं तो शिक्षा समाप्ति के 1 साल के बाद बैंक सूद के साथ राशि वापस करने की मांग शुरू करती है. इसके लिए भी जिला के निवास प्रमाण पत्र 12वीं पास प्रमाण, बैंक खाता, आधार कार्ड हेतु ऑनलाइन फॉर्म भर देना है. इसके बाद डीआरसीसी  पहुंचकर अपने फॉर्म की जांच करानी है. 

डीडीसी ने कहा कि हमारे आस पास ऐसे बच्चे हैं जो 12वीं के बाद नहीं पढ़ते, इसका कारण आर्थिक तंगी है. इन्हें योजना से लाभांवित कराना है. उन्होंने कहा आप सभी का कार्य हर एक गांव के नजदीक रहने के कारण अच्छी तरह जानकारी लेना है कि आगे कौन बच्चे नहीं पढ़ रहा है. हर एक गांव का भ्रमण कर आपको इन योजनाओं से अवगत कराना है और फॉर्म भरना है. फॉर्म बहुत से बच्चे भर देते हैं पर फिर डीआरसीसी तक पहुंचकर उनका वेरिफिकेशन नहीं करा पाते इसके लिए भी उन्हें जानकारी देनी है और योजनाओं से जोड़ना है. जिला पदाधिकारी ने कहा कि इस कार्य में सभी आशाओं, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका तथा ए एन एम की अहम भूमिका होनी चाहिए. सभी लोगों से घर-घर जाकर सूची तैयार कर फॉर्म भरवाया जाए. मात्र 2 माह में अभियान चलाकर सभी बच्चों को इस योजना से जोड़ देना है. एक भी बच्चा छूटना नहीं चाहिए. सभी सीडीपीओ,महिला पर्यवेक्षिका भीअपनी अहम भूमिका उत्तरदायित्व समझ कर निभाएं.

आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका तथा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को प्रशिक्षित किया गया.






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