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Buxar Top News: दलित महापंचायत का फैसला, दलितों के मुकदमे हो वापस, किया जाए संपूर्ण विकास - शरद यादव.

उन्हें तो पूरे गांव या हर व्यक्ति का विकास करना चाहिए जो भी वादा सात निश्चय का था चाहे वह दलित हो किसान हो मजदूर हो उच्च जाति का हो या नीच जाति का हो 
देखें वीडियो:

- वक्ताओं ने कहा देशभर में हो रहा दलितों पर अत्याचार.
- वोट के द्वारा दलित विरोधी सरकार को दे जवाब. 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: महापंचायत के दौरान पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव ने कहा कि पूरे बिहार में कहीं भी कोई कार्य नहीं हो पाया है जिसका दुष्परिणाम नंदन गांव में मुख्यमंत्री को देखने को मिला शरद यादव ने कहा कि दलितों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उन्होंने कहा कि सिर्फ एक मोहल्ले का विकास कर मुख्यमंत्री क्या साबित करना चाहते हैं उन्हें तो पूरे गांव या हर व्यक्ति का विकास करना चाहिए जो भी वादा सात निश्चय का था चाहे वह दलित हो किसान हो मजदूर हो उच्च जाति का हो या नीच जाति का हो सभी के साथ उन्हें समान व्यवहार करना चाहिए दलित महापंचायत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि दलित महापंचायत में यह फैसला लिया गया है कि मुख्यमंत्री दलितों पर किए गए सभी केस वापस लें तथा संपूर्ण विकास के संकल्प को पूरा करें. सभा के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा कि जनता दलित विरोधी सुबह व केंद्र की सरकार को वोट से जवाब दें.


इसके पूर्व दलितों पर  बिहार सहित देशभर में हुए उत्पीड़न के खिलाफ नंदन गांव में दलित महापंचायत शुरू हुई इस महापंचायत में सांसद शरद यादव मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे. महापंचायत की अध्यक्षता पूर्व मंत्री तथा जदयू शरद के प्रदेश अध्यक्ष रमई राम ने की  वहीं  राज्यसभा सांसद अली अनवर ने सभा के दौरान मंच संचालन किया इस दौरान जदयू शरद वाहिनी के संयोजक अरुण कुमार तिवारी, ब्रम्हपुर विधायक शंभू यादव राजद जिलाध्यक्ष शेषनाथ सिंह  लोक चेतना मंच के संयोजक मिथिलेश कुमार सिंह, पूर्व सांसद अर्जुन राम, सांसद अली अनवर, जदयू (शरद) के इंजीनियर संतोष यादव,  रामधनी सिंह डॉ. उपेंद्र प्रसाद, रामाशीष कुशवाहा, डॉ.मनोज यादव समेत तमाम दिग्गज  मौजूद रहे. दलित पंचायत को लेकर सुरक्षा के बीच पुख्ता व्यवस्था की गई थी. पुरुष सुरक्षाबलों के अलावे महिला सुरक्षा बलों के भी पुख्ता व्यवस्था की गई थी.  इस दलित पंचायत में आसपास के ग्रामीण पंचायत का हिस्सा बनने के लिए पहुंचे पंचायत को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि दलित महापंचायत का आयोजन करना पड़ा उन्होंने कहा कि सरकार संवेदनहीन हो गई है. जिसके चलते इस पंचायत का आयोजन करना पड़ा. सब नेताओं ने एक स्वर में सत्ता बदलने का आवाहन महापंचायत में मौजूद ग्रामीणों से किया.

वक्ताओं ने कहा गरीब जब अपने अधिकार की मांग करता है तो उसके लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण नहीं करते हुए  बिहार के सरकार उन पसंदा बरसाती है और जेल में बंद कर देती है उन्होंने कहा कि लंदन गांव में जो अत्याचार हुआ है. उसे देखकर अंग्रेजों के जमाने की याद आ गई. उन्होंने कहा कि आज जो हाल है उसमें  बेरोजगारी का आलम छाया हुआ है, जिसे लेकर 11 मार्च को पूरे राज्य में बेरोजगार मानव श्रृंखला बनाई जाएगी. जिसमें 18 से लेकर 40 साल तक के युवा शामिल होंगे.













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