Buxar Top News: सामाजिक भेदभाव को मिटाने के लिए हुआ था श्री रामावतार - आचार्य रणधीर ओझा ।
भक्तों की दृष्टि में असुरों का अत्याचार ही अवतार का एकमात्र कारण नहीं हो सकता. भगवान तो केवल भक्तों के हैं. सो केवल भक्तों के जन्म-जन्म की अभिलाषा को पूर्ण करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं.
- नौ दिवसीय संगीत में श्री राम कथा का हुआ है आयोजन ।
- मंगलवार को किया जाएगा राम जन्म प्रसंग का मंचन ।
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्री रामेश्वर नाथ सेवा आश्रम न्यास समिति रामरेखा घाट बक्सर के तत्वाधान में सिद्धाश्रम विकास सेवा समिति द्वारा विश्व प्रसिद्ध रामरेखा घाट स्थित रामेश्वर नाथ मंदिर के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय श्री राम कथा के दौरान सोमवार चौथे दिन की कथा कथावाचक वाचक साकेत वासी नेहा निधि परम पूज्य श्री नारायण दास भक्तमाली मामाजी के कृपापात्र आचार्य रणधीर ओझा में अपने कथा प्रसंग में कहा कि परमात्मा के अवतार के कई कारण है. श्रीमद्भागवत गीता और मानस जी में जब-जब निराकार ब्रह्मा अवतार लेने को बाध्य हुए तब-तब उनके अवतार के कई कारण थे. परंतु भक्तों की दृष्टि में असुरों का अत्याचार ही अवतार का एकमात्र कारण नहीं हो सकता. भगवान तो केवल भक्तों के हैं. सो केवल भक्तों के जन्म-जन्म की अभिलाषा को पूर्ण करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं. रावण को मारना मात्र एक अवतार का उद्देश्य नहीं था. बल्कि केवट, पक्षियों में उधम गिद्ध तथा शबरी को स्वीकार कर भगवान श्रीराम ने सामाजिक समरसता कायम करते हुए छुआछूत, जातिवाद भेदभाव को मिटाने का प्रयास किया है. निराकार ब्रह्म ज्योति स्वरूप है । परंतु साकार भगवान अपने चरित्र के द्वारा सभी जीवो का मार्गदर्शन करते हैं. रामकथा सामाजिक समरसता बनाने के साथ जातिवाद का विरोध करती है. ऐसे अवतार के धरा पर प्रकट होने के कई प्रयोजन बताए गए हैं. राम कथा के दौरान आयोजक मंडल में रामस्वरूप अग्रवाल, सत्यदेव प्रसाद, साकेत कुमार श्रीवास्तव (चंदन), रोहतास गोयल, संजय सिंह, हरिशंकर गुप्ता, रामकृपाल श्रीवास्तव, विजय कुमार वर्मा (वार्ड सदस्य) रामावतार पांडेय, उपेंद्र दुबे, सहित कई लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे. वही मीडिया प्रभारी साकेत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कथा के दौरान ही मंगलवार को राम जन्म प्रसंग का भव्य मंचन किया गया जाएगा.
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