Header Ads

Buxar Top News: लंबे संघर्ष के बाद पूरी हो रही है राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के पुनरुद्धार की मांग, जानिए संघर्षों की पूरी कहानी ..



समय सीमा के अंदर कार्य समाप्त एवम उत्पन समस्याओं को देखते हुए बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ने दिनांक 10.06.2015 को यह अनुबंध रद्द कर दिया. इस प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के निर्माण का कार्य बाधित हो गया.

- जनता के दर्द को महसूस कर केंद्रीय राज्य मंत्री ने किया अथक प्रयास
- वर्षों से कष्ट झेल रहे लोग जल्द ही प्राप्त करेंगे सुखद यात्रा का आनंद.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राष्ट्रीय राजमार्ग 30 की हालत बद से बदतर हो गई है. इस सड़क के पुनरुद्धार के लिए विभिन्न संगठनों ने अपने अपने बैनर तले लगातार संघर्ष किया. अंततः राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के पुनरुद्धार की स्वीकृति मिल चुकी है. यह जानना भी जरूरी है कि आखिर मूल कारण क्या था जिसके वजह से ये सड़क नही बन पा रही थी और ये भी जानना ज़रूरी है कि इस सड़क की स्वीकृति कैसे और कितने संघर्षों से प्राप्त हुई है. बक्सर टॉप न्यूज़ ने गहन खोजबीन कर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 आरा-मोहनिया सड़क से जुड़ी विस्तृत जानकारी हासिल की है. 

बिहार सरकार स्वयं कराना चाह रही थी कार्य, लेकिन नहीं मिली सफलता, रद्द हुआ टेंडर:

केंद्र सरकार की सड़क एवं परिवहन विभाग ने पूर्व में पत्र दिनांक  02.07.2008 एवं 11.08.2009, अनापत्ति प्रमाण पत्र बिहार सरकार के उस आग्रह पर दिया था की बिहार सरकार इन दोनों सड़कों राष्ट्रीय राजमार्ग 30 (आरा -मोहनिया) और राष्ट्रीय राजमार्ग 31 (बख्तियारपुर -बिहारशरीफ -नवादा)पर  फोर लेन के लिए जमीन अधिग्रहण कर कार्य बिहार सरकार स्वयं कराएगी. तत्पश्चात ये कार्य बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड को कार्य करने हेतु दे दिया गया.

भारत सरकार इमपावेरेड कमिटी द्वारा 02.02.2009 में आरा -मोहनिया प्रोजेक्ट को कुल प्रोजेक्ट राशि 917 करोड़ और रजौली -बख्तियारपुर को दिनांक 10.8.2011 कुल प्रोजेक्ट राशि 847.10 करोड़ में राज्य सरकार को दे दिया गया. टेंडर प्रक्रिया कर आरा -मोहनिया सड़क को मेसर्स एटलांटा लिमिटेड को दिनांक 11.08.2011को स्वीकृत  कर दिया गया. जिसे 07.09.2013 तक पूरा कर लिया जाना था.  गया. समय सीमा के अंदर कार्य समाप्त एवम उत्पन समस्याओं को देखते हुए बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ने दिनांक 10.06.2015 को यह अनुबंध रद्द कर दिया. इस प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के निर्माण का कार्य बाधित हो गया.

दिन पर दिन खराब होती गयी सड़क की हालत, अश्विनी चौबे ने की पहल: 

सड़क की हालत दिन -प्रतिदिन खराब होती चली गयी जिसको लेकर बक्सर सांसद श्री अश्विनी कुमार चौबे ने  दिनांक 10.08.2015 ,पत्रांक संख्या 223/2015 के माध्यम से नितिन गडकरी को राष्ट्रीय राजमार्ग 30 सहित अन्य कई सड़कों के संदर्भ में पत्र लिखा. जिसके जवाब में दिनांक 31.08.2015 को पत्रांक 1146237 केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे को पत्र के माध्यम से जानकारी दी कि सभी विषयों को अग्रिम कारवाई हेतु मुख्य अभियंता (पी-3) को प्रेषित कर दिया गया है.

पुनः बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने इस सड़क के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को दिनांक 16.05.2016 ,पत्रांक-403/2016 को पत्र लिखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 30 की जर्जर स्थिति से अवगत कराते हुए श्री गडकरी से सड़क निर्माण स्वीकृति में तेजी लाने का अनुरोध किया. जिसके जवाब में श्री गडकरी द्वारा दिनांक 16.05.2016, -3450 के माध्यम से को श्री चौबे को पत्र निर्गत किया गया. जिसमें उनसे इस बात को लेकर आयोजित बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया गया था.


राज्य सरकार द्वारा नहीं दी गई थी राष्ट्रीय राजमार्ग 30 संबंधित कोई सूचना:

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दिनांक 21.09.2016 को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई. जिसमें उन्होंने बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उसी दिन श्री चौबे के आग्रह पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र निर्गत किया. जिसमें केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने पूर्व के पत्र का उल्लेख करते हुए लिखा कि राज्य सरकार ने दिनांक 19.09.2016 को  राष्ट्रीय राजमार्ग 31 (बख्तियारपुर -बिहारशरीफ रजौली-बख्तियारपुर ) सड़क बनाने हेतु वापस केंद्र सरकार सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को सौप दिया है परन्तु बिहार सरकार ने आरा -मोहनिया राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के संदर्भ में कोई सूचना नही दी है. जिसकी स्थिति अत्यंत ही खराब है चुकी राज्य सरकार ने  केंद्र को राष्ट्रीय राजमार्ग 30 को सौपने की बात नही की.



सांसद ने उठाया था संसद में प्रश्न, 16 मई को ही तय हो गई थी सड़क के पुनरुद्धार की बात:

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने राष्ट्रीय राजमार्ग 84 और राष्ट्रीय राजमार्ग 30 का मामला लोकसभा में नियम 377 के तहत 20.07.2017 को लोकसभा में उठाया जिसके जवाब में भारत सरकार के राज्य मंत्री श्री राधाकृष्णन ने दिनांक 07.09.2017 को पत्रांक -11011/4/2017 को बक्सर सांसद श्री चौबे को पत्र लिखकर जानकारी से अवगत कराया.
श्री चौबे ने केंद्र सरकार के माध्यम से बिहार सरकार को कई बार पत्र निर्गत करवाया और अंततः दिनांक 16.05.2018 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा की  गयी जिसमें बक्सर सांसद सह केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी उपस्थित हुए जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग 30 सहित कई सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की स्वीकृति प्रदान की गई और जल्द ही संबंधित राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के  नोटिफिकेशन के बारे में जानकारी दी गयी जिसे स्वयं बक्सर सांसद सह केन्द्रीय मंन्त्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपने फेसबुक एकाउंट से उसी दिन दिनांक 16.05.2018 को जनहित के लिए पोस्ट किया था. और 26.06.2018 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. 


बहरहाल, राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाल स्थिति के कारण इस मार्ग से गुजरने के दौरान कष्ट उठाने वाले लोगों को अब राहत मिलने वालों है. केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के प्रयासों के द्वारा बहुत ही सुखद यात्रा का आनंद शीघ्र ही मिलने लगेगा.


















No comments