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Buxar Top News: लगातार वर्षा ने बढ़ायी किसानों की परेशानी, सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि पूरी तरह जलप्लावित ..



पिछले साल भी केसठ़ प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ के पानी और जल जमाव से सैकड़ों एकड़ धान के फ़सल बर्बाद हो गयी थी. 

- 4 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने उड़ा दी किसानों की नींद.

- जल में डूब कर फसल बर्बाद होने के कगार पर.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  जिले के केसठ़ प्रखंड के विभिन्न गांवों में लगातार चार दिनों से बारिश होने से किसानों के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि पूरी तरह से जलप्लावित हैं. रोपे गए धान के फसल बर्वाद होने के कगार पर हैं. प्रखंड के कतिकनार  पंचायत के दंगौली गांव में कुछ दिन पहले सुखे की स्थति थी जिसे देख कुछ किसानों ने रोपनी में हो रहे विलंब के कारण महंगे डीजल से मशीन चला रोपनी की. लेकिन बारिश के कारण जल जमाव ने किसानों के मेहनत पर पानी फेर दिया है. विदित हो कि पिछले साल भी केसठ़ प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ के पानी और जल जमाव से सैकड़ों एकड़ धान के फ़सल बर्बाद हो गयी थी. जिसमें दंगौली गांव नंबर वन पर था. खास बात तो ये है कि एक साल हो गया और प्रशासन अभी तक सुस्त बैठा है. जबकि दंगौली गाँव वालो ने केसठ़ के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को पिछले साल लिखित आवेदन भी दिया था, जिसमें कहा गया था कि नहर से पश्चिम चाट मे जो अतिक्रमण है उसको हटाया जाये तथा नहर से पश्चिम चाट की सफाई की जाये और पानी के निकास का उचित प्रबंध किया जाए. ताकि जल जमाव की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिले. उस पर अंचलाधिकारी ने भी सहमति दे दी थी. गाँव के लोगों का कहना है कि, जब पिछला साल बाढ़ आया था तो बस प्रखण्ड विकास पदाधिकारी तथा अंचलाधिकारी का एक दो बार दौरा हुआ फिर भूल कर सो रहे हैं. बाढ़ से किसान राम किंकर सिंह, धरनीधर सिंह, अजीत कुमार सिंह जिउत साह, राम ईश्वर साह, कन्हैया सिंह, अरुण सिंह आदि के कई एकड़ की फसल बर्बाद होने को है. दूसरी तरफ राजपुर प्रखंड के भी विभिन्न गांवों के खेत जलप्लावित हो चुके हैं इसके चलते हैं किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि एक ही साथ बहुत ज्यादा पानी आ जाने के कारण स्थिति विकराल हो गई है.

बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर कोई मदद किसानों को नहीं मिल पा रही है. यही नहीं बाढ़ के कारण गाँव से बाहर निकलने के सभी रास्ते पर घुटनों भर पानी बह रहा है जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों तथा  बूढ़े व्यक्तियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में किसानों के सामने भूखों मरने की नौबत आ गयी है. अगर पानी निकास का अभी निदान नही किया गया तो ज्यादा नुकसान हो सकता है. बहरहाल अब यह बात देखने वाली होगी कि प्रशासन अपनी नींद से जाग कर किस प्रकार किसानों की मदद कर पाता है, या पिछले साल की तरह सोता रहेगा ?

–केसठ़ से सोनू सिंह तथा राजपुर से शंकर पांडेय की रिपोर्ट 


















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