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सिय-पिय मिलन महोत्सव के महाआयोजन में देश भर से संत-महात्माओं का हो रहा आगमन ..

मिनी काशी के नाम से जानी जाने वाली इस पुण्य भूमि के लोग भी अध्यात्म के इस महासंगम में गोता लगाकर अपना लोक-परलोक सुधारने में लगे हुए हैं.

- परमपूज्य खाकी बाबा सरकार तथा मामाजी जी सरकार के महाआयोजन में हर वर्ष होता है आगमन.
- हरिकृपा से मिलती हैं हर वर्ष यहाँ आने की प्रेरणा. 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्वर्गीय श्री खाकी बाबा महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित 49 वें विश्व प्रसिद्ध सिय-पिय मिलन महोत्सव में देश के कोने-कोने से संत-महात्माओं एवं श्रद्धालुओं का शुभागमन हो रहा है. बक्सर की धरती इस महा आयोजन के माध्यम से ही संत महात्माओं के आशीर्वाद से परिपूर्ण हो रही है. वहीं मिनी काशी के नाम से जानी जाने वाली इस पुण्य भूमि के लोग भी अध्यात्म के इस महासंगम में गोता लगाकर अपना लोक-परलोक सुधारने में लगे हुए हैं.

अयोध्या के विख्यात रामायणी रामानंद दास जी महाराज का शुभागमन बक्सर की धरती पर हुआ है. उन्होंने कहा कि बक्सर की इस धरा पर बार-बार आना उनके लिए किसी बड़े पुण्य के भागी बने जैसा है.

श्री वृंदावन धाम के गोरे दाऊजी आश्रम परिक्रमा मार्ग से पधारें श्री लाल दास जी महाराज ने बताया कि वह तकरीबन 40 वर्षों से यहां आते हैं उन्होंने बताया कि मामा जी महाराज की प्रेरणा उन्हें हर साल यह खींच लाती है.

वृंदावन के गोधुलीपुरम स्थित राम कृपा आश्रम से पधारे महामंडलेश्वर श्री हरिदास जी महाराज के कृपा पात्र बनवारी दास जी महाराज भी महोत्सव का हिस्सा बन चुके हैं. उन्होंने बताया कि वह उस समय से इस आयोजन में शामिल होते हैं जब यह चरित्रवन में आयोजित किया जाता था.

काशी क्षेत्र आश्रम वृंदावन से महंत श्री महामंडलेश्वर श्री श्यामा दास जी महाराज का आगमन भी बक्सर के पुण्य धरा पर हुआ है. उन्होंने बताया कि वह वर्षों से इस आयोजन में शामिल होते हैं, हरि कृपा से वह आगे भी नियमित रूप से यहाँ आते रहेंगे.

परम संत बृज बिहारी दास जी गोरे दाऊ जी आश्रम वृंदावन धाम से पधारे हैं. उन्होंने बताया कि इस महा आयोजन में आकर उन्हें आत्मीय शांति की अनुभूति होती है.

वृंदावन के राघवेंद्र कुंज से पधारे जानकी शरण दास जी महाराज भी हर वर्ष इस महोत्सव में आते हैं.

वृंदावन धाम से पधारे मानस प्रवक्ता गिरधर गोपाल शास्त्री जी महाराज मंच से लेकर आश्रम तक की विधि व्यवस्था में ऐसे रमे हुए हैं. मानों वह वर्षों से इसी पल के इंतज़ार में हो.

























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