सवर्णों को आरक्षण देकर असमानता के भाव को पीएम ने किया दूर - विनोद चौबे
उन्होंने कहा कि दलित और ओबीसी को मिले आरक्षण को बिना नुकसान पहुंचाए गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने साहसिक व ऐतिहासिक कदम उठाया है
- भाजपा नेता ने मोदी सरकार के फैसले को बताया साहसिक कदम.
- कहा, विकास की राह पर चल रही है देश की सरकार.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भारतीय जनता पार्टी के नेता तथा पूर्व आईआरएस विनोद चौबे ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की सराहना की है. उन्होंने कहा कि दलित और ओबीसी को मिले आरक्षण को बिना नुकसान पहुंचाए गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने साहसिक व ऐतिहासिक कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि आर्थिक पिछड़ेपन को लेकर जो असमानता का भाव लोगों के बीच आ गया था प्रधानमंत्री ने वह भी दूर करने की पहल की है. यह कहने में गर्व का अनुभव हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपना सीना 56 इंच का चौड़ा बताया था, तो वह गलत न था.
श्री चौबे ने कहा कि कहा कि पिछली सरकारें 70 सालों से इस देश का सवर्ण गरीब आरक्षण या अन्य सुविधाओं से वंचित था. आखिर उसका क्या दोष था? कहीं-कहीं एक वैमनस्य का भाव भी पैदा हो जाता था गरीबों दलितों ओबीसी को उनका हक मिल रहा है, लेकिन गरीब सवर्ण को कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते वर्ष 2003 में आयोग बनाया था. मनमोहन सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था. मोदी सरकार ने उसी कड़ी को आगे बढ़ाया है. बीजेपी हर वर्ग को लाभ देना चाहती है इसलिए ये कदम उठाया है. श्री चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह साबित कर दिया है कि वह देश को एक सूत्र में लेकर विकास की राह पर चल रहे हैं.
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