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दो साल से ज्यादा समय से लापता है बेटा, पागल हुआ पिता कैदी, मचाया उत्पात

वर्ष 2016 की 30 दिसंबर की रात बक्सर केंद्रीय कारा के लिए न भूलने वाली रात है. उसी दिन केंद्रीय कारा की चाक-चौबंद सुरक्षा में सेंध लगाकर 5 अपराधी भागने में सफल रहे थे

- बीच-बचाव करने गई पुलिसकर्मियों पर भी कर दी पत्थरों की बौछार.

- 2016 में जेल से भाग चुका है बेटा, पुलिस अब तक पता नही लगा सकी है.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर केंद्रीय कारा में साल के अंतिम दिन एक कैदी सुदर्शन साह ने अपने ही एक साथी कैदी को एक पत्थरों से मार कर बुरी तरह घायल कर दिया. यही नहीं बीच बचाव करने पहुंचे सात-आठ पुलिसकर्मियों पर भी उसने पत्थरों की बौछार कर दी. बाद में किसी तरह बीच-बचाव कर मामला नियंत्रण में लिया गया. वहीं घायल कैदी को सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया जहां अभी वह इलाजरत है. बकौल कारा उपाधीक्षक सतीश कुमार सिंह हमला करने वाला कैदी मानसिक रूप से विक्षिप्त है तथा इसी अवस्था में उसने अपने साथी तथा कैदियों के सरदार पर हमला कर दिया है. हालांकि, बातों ही बातों में एक बात निकल कर सामने आई जिसने इस घटना के तार 2 साल पूर्व जेल में हुई एक घटना से जोड़ दिया.

वर्ष 2016 की 30 दिसंबर की रात बक्सर केंद्रीय कारा के लिए न भूलने वाली रात है. उसी दिन केंद्रीय कारा की चाक-चौबंद सुरक्षा में सेंध लगाकर 5 अपराधी भागने में सफल रहे थे. हालांकि, पुलिस ने बाद में एक-एक कर चार अपराधियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त कर ली है, लेकिन हत्या के आरोप में अपने पिता सुदर्शन साह के साथ उम्र कैद की सजा काट रहा भोजपुर जिले के पीरो थाना क्षेत्र का निवासी उपेंद्र साह अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है.

अब स्थिति यह हो गई है कि बेटे के फरार होने के पश्चात उसका अता-पता ना मिल सकने की स्थिति में उसके पिता सुदर्शन ने भी उसे मृत मान लिया है और बेटे के गम में वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया है. इसी अवस्था में साल के अंतिम दिन उसने जेल में उत्पात मचा दिया. उसने ना सिर्फ ईंट-पत्थरों से अपने साथी कैदी बुधु राम (62 वर्ष) को घायल कर दिया बल्कि बीच-बचाव करने पहुंचे पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा, उसने उन पर भी एक पत्थरों की बौछार कर दी. हालांकि, बाद में उसे किसी तरह नियंत्रण में लिया गया.वहीं घायल कैदी का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है.













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