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एक सड़क बनाने के लिए तोड़ रहे दूसरी सड़क ..

अब इस तरह का मामला सामने आने के बाद  इसके लिए जहां संवेदक को निर्देशित किया जाएगा, वहीं जिला अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी जाएगी

- वर्षों तक नारकीय स्थिति को झेलने के बाद बनी थी सड़क,  फिर टूटने की बनी आशंका.

- हाल पाण्डेयपट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग का.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आम आदमी के मेहनत से कमाए गए पैसों को टैक्स के रूप में लेकर सरकार उन्हें जनकल्याणकारी योजनाओं के रूप में खर्च करती है लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की उदासीनता के कारण जनता का पैसा कैसे बर्बाद हो जाता है इसका उदाहरण आपको पांडेय पट्टी-चक्रहंसी मुख्य मार्ग पर देखने को मिल सकता है, जहां एक सड़क के निर्माण के दौरान दूसरी सड़क को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. उधर, मामले की जानकारी आरडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता को होने के बाद उन्होंने इस संदर्भ में जिला अधिकारी को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराने की बात कही है.

दरअसल, सड़क की हालत खराब होने की वजह से तकरीबन दो वर्ष से नारकीय स्थिति झेलने के बाद लोगों की परेशानियों को देखते हुए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से पांडेय पट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग का  निर्माण कराया गया था.  सड़क में कई जगहों पर छोटी-छोटी नालियां बनाकर जल निकासी की व्यवस्था कर दी गई थी.ताकि, सड़क पर जल-जमाव जैसी समस्या से छुटकारा मिल सके. इस सड़क के निर्माण के बाद लोगों ने काफी राहत महसूस की थी. लेकिन एक बार फिर इस सड़क के टूट-फूट की कहानी लिखी जानी शुरु कर दी गयी है.

इसी सड़क से होकर भारतीय खाद्य निगम के गोदाम पर जाने वाली सड़क का निर्माण किया गया है. बताया जा रहा है कि यह सड़क भारतीय खाद्य निगम के द्वारा ही बनाई गयी है. निर्माण के दौरान पांडेय पट्टी-चक्रहंसी मार्ग की नाली को बंद कर दिया गया है. जिससे कि नाली का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बह रहा है. ऐसे में पूर्व में बनी सड़क के खराब होने की आशंका बढ़ गई है. स्थानीय निवासी सर्वेश कुमार तिवारी ने बताया कि जल निकासी की व्यवस्था को बिना ठीक किए बिना हो रहे सड़क निर्माण से पहले से बनी सड़क का टूटना लाजमी है.

मामले में मामले में आरडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता मोती सागर सिंह ने बताया कि सड़क की मरम्मति एवं अनुरक्षण के लिए निर्माण के दौरान राशि आवंटित है. अब इस तरह का मामला सामने आने के बाद  इसके लिए जहां संवेदक को निर्देशित किया जाएगा, वहीं जिला अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी जाएगी.














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