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आग लगने पर कुआं खोद रहा नगर परिषद, आसमान की ओर देखकर सहम जा रहे लोग ..

सूत्रों की मानें तो जनप्रतिनिधि वेतन भुगतान नहीं होने की बात के बहाने नियमित मजदूरों को कार्य से रोक रहे थे. इसके कारण नालों की उड़ाई में विलंब हो रहा था. बताया जा रहा है कि मामला सफाई के टेंडर के बहाने जनहित के पैसे के बंदरबाँट से जुड़ा हुआ था.

- नगर परिषद ने शुरू कराई नालों की उड़ाही.

- ससमय कार्य नहीं पूरा होने पर बनेगी नारकीय स्थिति


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां मानसून में दस्तक देनी शुरू कर दी है तो वहीं नगर परिषद नालों की सफाई को अभी भी बहुत ज्यादा गति नहीं पकड़ा सका है. नतीजा यह है कि लोग आसमान को निहार कर हुए सहम जा रहे हैं.

बताया जा रहा है कि पिछले दो-तीन वर्षों से यह स्थिति बनी हुई है जबकि नगर परिषद नालों की उड़ाही का कार्य अंतिम समय में शुरू करता है. ऐसे में मानसून आ जाने के बाद ना तो नालों की पूरी तरह सफाई हो पाती है और ना ही जल निकासी की बेहतर व्यवस्था. नतीजा बारिश के दिनों में लोगों को नारकीय स्थिति में जीने की विवशता के रूप में सामने आता है. नगर परिषद के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक नाला उड़ाही के कार्य में देरी का कारण केवल नप के कार्यपालक अभियंता एवं जनप्रतिनिधियों की आपसी खींचतान है. इसी बीच सीएफएमएस नामक नई प्रणाली से वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू किए जाने से तकरीबन 4 माह से सफाई कर्मियों का वेतन ना मिलना भी नाला उड़ाही के कार्य में विलंब का कारण बना.

बताया जा रहा है कि नप के कार्यपालक अभियंता का यह मानना था कि नालों की उड़ाही के लिए नगर परिषद को अतिरिक्त राशि का व्यय नहीं करनी पड़ेगी बल्कि, नालों की उड़ाही आंतरिक संसाधनों के प्रयोग से ही करा करा ली जाएगी. दूसरी तरफ जनप्रतिनिधियों का दबाव था कि वह नाला उड़ाही के लिए टेंडर कर किसी एजेंसी को इसका कार्य सौंपे. सूत्रों की मानें तो जनप्रतिनिधि वेतन भुगतान नहीं होने की बात के बहाने नियमित मजदूरों को कार्य से रोक रहे थे. इसके कारण नालों की उड़ाई में विलंब हो रहा था. बताया जा रहा है कि मामला सफाई के टेंडर के बहाने जनहित के  पैसे के बंदरबाँट से जुड़ा हुआ था.

हालांकि, पिछले दिनों हुई सशक्त समिति की बैठक के पश्चात नगर परिषद ने 50 निजी मजदूरों के द्वारा नालों की उड़ाही का फैसला किया. जिस पर अमल भी शुरु हो गया है. लेकिन उन मजदूरों के द्वारा भी कार्य करने की गति को देखते हुए ऐसा संभव नहीं लग रहा कि वह मानसून के मजबूत होने से पूर्व नालों की उड़ाही कर सकेंगे. कुल मिलाकर नगर परिषद की कार्यप्रणाली ने एक बार फिर नागरिकों  को भयभीत कर दिया है.

 मामले में कार्यपालक अभियंता रोहित कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि मजदूरों से युद्धस्तर पर काम कराया जा रहा है. सभी प्रमुख नालों की सफाई कराई जा रही है. हालांकि, निचले इलाकों में जलजमाव की समस्या बरसात के समय में कुछ देर के लिए तो आएगी ही, लेकिन दो-तीन दिनों में पूरे शहर की नालियों की उड़ाही करा ली जाएगी.









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