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एटीएम से जाली नोट मामले में डीजीपी से लगाई गुहार, कहा- जाली नोट का रैकेट चला रहा बैंक ....

कहा है कि, यह मामला एक जाली नोट से जुड़ा ना होकर देशव्यापी जाली नोट के रैकेट से जुड़ा हुआ है. जिसमें शाखा प्रबंधक की भी संलिप्तता है. उन्होंने कहा है कि, देश को हानि पहुंचाने के लिए  सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी के माध्यम से  जाली नोटों को खपाया जा रहा है.

- पीड़ित ने बताया, देश के दुश्मनों के साथ मिलकर बैंक प्रबंधक चला रहे हैं जाली नोटों का रैकेट
- पुलिस की सुस्ती पर भी पीड़ित ने उठाए सवाल.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के पीपरपांती रोड स्थित एचडीएफसी बैंक के एटीएम से जाली नोट निकलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. मामले को लेकर पीड़ित ने डीजीपी से गुहार लगाई है. उन्होंने डीजीपी को लिखे अपने पत्र में बताया है कि, नगर के एचडीएफसी बैंक से पिछले 25 सितंबर की रात 8 बजे पैसों की निकासी के दौरान उन्हें 2 हज़ार रुपये का जाली नोट मिला था. जाली नोट लेकर वह बैंक मैनेजर से मिले जिसके बाद बैंक मैनेजर ने नोट बदलने की बात कह नोट को अपने पास रख लिया था. इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक को भी सूचना दी गई थी हालांकि, ना तो बैंक और ना ही पुलिस के द्वारा अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई की गई है. दूसरी तरफ अब मामले को लेकर खत्म करने को लेकर अब सामाजिक दबाव भी बनाया जा रहा है. उन्होंने इस मामले को राष्ट्र हित से जुड़ा हुआ बताते हुए डीजीपी से इस पर पहल करने की बात कही है.

अपने आवेदन में घटना के बारे में पूरी जानकारी देते हुए स्नेहाशीष ने बताया है कि, 25 सितंबर को उन्होंने 10 हज़ार रुपयों की निकासी एटीएम से की थी. उन्होंने कहा कि, उसमें से 2 हज़ार रुपये का एक नोट जाली था. जिसकी शिकायत लेकर वह तुरंत बैंक में पहुंचे, लेकिन बैंक के एक कर्मी ने उन पर झल्लाते हुए उन्हें वहां से चले जाने को कहा.

बाद में ट्विटर तथा अन्य मीडिया माध्यमों से उन्होंने इस खबर को प्रसारित कराया. जिसके बाद एचडीएफसी बैंक के टि्वटर हैंडल से उन्हें जवाब मिला कि, वह शाखा प्रबंधक से मिलें. अगले दिन जब वह शाखा प्रबंधक से मिलने गए तो शाखा प्रबंधक ने पहले तो उनके साथ बदसलूकी की तथा उनका उपहास उड़ाया, तथा पुलिस बुलाकर गिरफ्तार कराने की भी कोशिश की. हालांकि, बाद में मीडिया कर्मियों तथा सामाजिक लोगों के हस्तक्षेप के बाद प्रबंधक ने लज्जित होकर नोट ले लिया. उन्होंने बताया कि, इस घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक प्रबंधक के द्वारा नोट बदलने संबंधी कोई जवाब नहीं दिया गया. वहीं, अब ऐसा भी ज्ञात हुआ है कि, वह मामले को रफा-दफा करने की फिराक में हैं.

वहीं, दूसरी तरफ 2 दिन पूर्व  पुलिस अधीक्षक को मामले में शिकायती आवेदन देने के बावजूद उन्होंने भी उस नोट को जब्त नहीं किया. तथा राष्ट्रहित से जुड़े इस संगीन मुद्दे पर अपनी उदासीनता दिखाई. स्नेहाशीष ने अपने आवेदन में कहा है कि, यह मामला एक जाली नोट से जुड़ा ना होकर देशव्यापी जाली नोट के रैकेट से जुड़ा हुआ है. जिसमें शाखा प्रबंधक की भी संलिप्तता है. उन्होंने कहा है कि, देश को हानि पहुंचाने के लिए  सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी के माध्यम से  जाली नोटों को खपाया जा रहा है. ऐसे में इस मामले में कार्रवाई कर बड़े रैकेट का उद्भेदन कर जाली नोटों के कारोबारियों को कठोर संदेश देने की आवश्यकता है.













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