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एनपीआर--एनआरसी करने की बजाए शिक्षा-स्वास्थ्य की चिंता करे सरकार : कविता कृष्णन

कामरेड कविता ने कहा कि सीएए-एनआरसी व एनपीआर से मुस्लिम ही नहीं, गैर मुस्लिम लोगों को भी खतरा है. एनपीआर के तहत सरकारी बाबू या तहसीलदार किसी को भी संदिग्ध नागरिक घोषित कर सकता है. इससे भारी भ्रष्टाचार की जगह बनेगी.

- 25 फरवरी को पटना में सीएए-एनआरसी पर विरोध मार्च
- बड़ी संख्या में शामिल होंगी महिलाएं और छात्र

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: देश की चर्चित महिला नेत्री व भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. कविता कृष्णन ने अपने चार दिवसीय बिहार दौरे के दौरान आज डुमरांव में भाकपा-माले के जन एकता सम्मेलन को सम्बोधित किया. उन्होंने 25 फरवरी को एनपीआर के खिलाफ भाकपा-माले के विधानसभा मार्च को ऐतिहासिक बनाने की अपील की है. कहा कि मार्च में ग्रामीण व शहरी गरीब, महिलाएं और छात्र बड़ी संख्या में एनपीआर पर रोक लगाने तथा सीएए-एनआरसी का विरोध करने के लिए पटना में जुट रहे हैं.

वह विधान सभा और बिहार सरकार से मांग करेंगे कि एनपीआर पर तुरंत रोक लगाने वाला नोटिफिकेशन लाएं, और केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं कि वह सीएए-एनआरसी व एनपीआर वापस लें, और शाहीन बाग की और पूरे देश की आंदोलनकारी महिलाओं से बात करें.

कामरेड कविता ने कहा कि सीएए-एनआरसी व एनपीआर से मुस्लिम ही नहीं, गैर मुस्लिम लोगों को भी खतरा है. एनपीआर के तहत सरकारी बाबू या तहसीलदार किसी को भी संदिग्ध नागरिक घोषित कर सकता है. इससे भारी भ्रष्टाचार की जगह बनेगी, और सरकार के पास सत्ता होगी कि वह सरकार से सवाल करने वाले, अपने अधिकार मांगने वाले किसी को भी वोटर लिस्ट से संदिग्ध कह कर हटा सकती है, या हटाने की धमकी से उन्हें खामोश कर सकती है. दिल्ली के चुनाव परिणाम से यह पता लगता है कि देश के लोग चाहते हैं कि सरकारें शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च करें, न कि लाखों करोड़ों रुपये एनपीआर व एनआरसी और डीटेंशन सेंटर पर बर्बाद करें.

आजकल बच्चों को स्कूलों में, समाज में, घरों में धर्म के आधार पर नफरत करना सिखाया जा रहा है. हिन्दू बच्चों को अपने बड़ों द्वारा, खास कर टीवी पर मुख्यमंत्री प्रधान मंत्री गृह मंत्री द्वारा सिखाया जाता है कि मुस्लिम बच्चे को पाकिस्तानी कहें. युवाओं को बेरोजगार करके, नफरत के नशे में धुत करके आतंकवादी बनकर गोली चलाने को कहा जा रहा है.

भाजपा संघ की वजह से हिन्दू खतरे में हैं – खतरा है कि उनके बच्चे गोडसे के रास्ते पर चलकर आतंकवादी बन जाएंगे. ये बच्चे अगर शाहीन बागों में आयें तो वे संवैधानिक मूल्य सीख सकते हैं, नफरत के नशे से मुक्त हो सकते हैं. दिल्ली में गार्गी कॉलेज की छात्राओं के पर्व पर सीएए के पक्ष में प्रदर्शन कार्य हुए एक गुंडों की टोली ने हमला किया. छात्राओं पर यौन हिंसा किया. दिल्ली पुलिस ने इन हमलावरों पर एक लाठी तक नहीं चलाया, 5 दिन बाद किसी की गिरफ्तारी नहीं की. उसी तरह दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के छात्रों शिक्षकों पर बर्बर हमला करने वाले एबीवीपी के लोगों की गिरफ्तारी एक महीने बाद भी नहीं की है. वहीं दिल्ली पुलिस खुद जामिया के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर हमला करती है, आंख फोड देती है, छात्राओं पर यौन हिंसा करती है. यही है भाजपा के बेटी बचाओ की सच्चाई. 

सम्मेलन की संचालन कॉम नारायण दास ने किया. अध्यक्ष मण्डल में मो. अख्तर अंसारी, फूल कुमारी, धर्मेंद्र सिंह, महफूज आलम शामिल थे। सम्मेलन को अलख नारायण चौधरी, डी के कॉलेज से निर्वाचित विश्विद्यालय प्रतिनिधि फूल कुमारी व जिला सचिव मनोहर जी ने सम्बोधित किया.
सम्मेलन में सुकर राम, हरेन्द्र राम, नीरज कुमार, बीरेंद्र सिंह, अयोध्या सिंह, संजय शर्मा, जगनारायण शर्मा, बिहारी प्रसाद वकील, बुधिया देवी, रूबी शर्मा, मनोज राम सहित सैकड़ों लोंगो ने हिस्सा लिया.











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