बड़ी ख़बर: कोरोना से न्यायालय भी सतर्क, पक्षकारों को न्यायालय आने से मिली छूट ..
न्यायालय में कामकाज के समय में पक्षकारों की काफी भीड़ उमड़ी रहती है. जिसे कोरोना वायरस के फैलने की काफी संभावना है. इसी को देखते हुए उच्च न्यायालय के निर्देश पर आगामी 31मार्च 20 तक पक्षकारो को न्यायालय में आने से छूट देते हुए अपने वाद की पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से करने का निर्देश दिया गया है.
- उच्च न्यायालय ने कहा, 31 मार्च तक वकील के माध्यम से मुकदमों में पैरवी करें पक्षकार
- न्यायालय को मिला निर्देश, पक्षकारों का हित प्रभावित करने वाले आदेश नहीं हो पारित
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उच्च न्यायालय ने बड़ा कदम उठाया है. न्यायालय ने निर्देश दिया है की विभिन्न जिलों जिलों के व्यवहार न्यायालय में आगामी 31 मार्च 20 तक मुकदमों के पक्षकार अपने वादों की पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से कर सकते हैं. मुकदमों में पक्षकारों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है. आवश्यकता पड़ने पर कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी.
इस बाबत व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता संघ के महासचिव गणेश ठाकुर ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिंद्रनाथ से मिली जानकारी के मुताबिक, न्यायालय में कामकाज के समय में पक्षकारों की काफी भीड़ उमड़ी रहती है. जिसे कोरोना वायरस के फैलने की काफी संभावना है. इसी को देखते हुए उच्च न्यायालय के निर्देश पर आगामी 31मार्च 20 तक पक्षकारो को न्यायालय में आने से छूट देते हुए अपने वाद की पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा है कि अधिवक्ता दंड प्रक्रिया संहिता 317 के अंतर्गत पक्षकारों का पक्ष रखें. बड़ी बात यह है कि, इस बीच न्यायालय द्वारा पक्षकारो के विरुद्ध कोई भी ऐसा आदेश पारित नही किया जाएगा जिसे पक्षकारो को कोई क्षति हो. महासचिव ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है.
दरअसल, कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के कारण देश भर में स्कूल, कॉलेज, नगर बाजार और सभी सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की उपस्थिति पर रोक लगा दी गई है. जिले में डीएम के निर्देशानुसार धारा 144 भी प्रभावी है.
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