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Buxar Top News; आयोजित हुआ कजरी महोत्सव 2017, परम्परा को पुनर्जीवित करने की हुई कोशिश ...

कजरी गायन प्रस्तुत करती बच्चियां 




बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कइसे खेले जइबु सावन में कजरिया, बदरिया घिर आईल....... से गूँज उठा आन्नद संगीतालय। पिछले 11 वर्षो से आयोजित हो रहे कजरी महोत्सव का आयोजन रविवार को स्थानीय पुस्तकालय रोड स्थित गीता मंदिर में किया गया जिसकी अध्यक्षता श्रीनिवास दूबे ने की एवं संचालन शिव बहादुर पाण्डेय प्रीतम द्वारा किया गया। महोत्सव का उद्घाटन काशी नाथ तिवारी ने किया जबकि बतौर विशिष्ट अतिथि श्री भगवान पाण्डेय निराश उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना आपन छोह लुटा द्.... से किया गया जिसके बाद स्वागत गान व कजरी का शुभारम्भ हुआ जिसमें कलाकारों द्वारा बन्दिश गरज कर आई रे बदरिया’, ‘मोरे सईयां बुलावे आधी रात, नदिया बैरी भईलगीत से कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को झुमने पर मजबुर कर दिया। इसके बाद एक से बढ़कर एक कजरी और ठुमरी की प्रस्तुती हुई। कजरी महोत्सव के आयोजनकर्ता प्रभंजन भारद्वाज ने बताया कि 2005 में इस लोक परम्परा को पुनर्जीवित करने का उद्देश्य से कजरी महोत्सव का शुभारम्भ किया गया था। उस समय सबसे सरस गायन होते हुए भी कजरी मृतप्राय हो गयी थी। परन्तु अब तो बहुत जगहो पर कजरी का आयोजन होने लगा है। महोत्सव में शामिल कलाकारों में श्रीशचन्द्र उपाध्याय, ब्रजेश कुमार चौबे, श्रीभगवान पाण्डेय, सुजाता कुमारी, सोनम कुमारी, प्रियम्बदा दूबे, दीप्ति कुमारी, रूपम दूबे, शिवांगी पाण्डेय, रितन दूबे, दामिनी कुमारी, विद्या कुमारी, निधि कुमारी, सोनू कुमार, आनन्द तिवारी, विनोद प्रसाद यादव, चंदन राज, अनुप प्रसाद, संजीव तिवारी, कुमारी सुमन, अनुभा कुमारी समेत अनेको कलाकार शामिल रहे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन रामेश्वर नाथ मिश्र बिहान ने किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते अतिथि 








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