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Buxar Top News: भारत बंद कर रहा मिलाजुला असर, यातायात प्रभावित, दुकानें रही खुली !

बक्सर नगर ही नहीं बल्कि  डुमराँव एवं जिले के अन्य इलाकों में  दोपहर 1:00 बजे के बाद  सड़क जाम खत्म हो चुका था. 



- एससी एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कर रहे थे विरोध
- बक्सर डुमराव तथा अन्य इलाकों में भी रहा बंद का मिलाजुला असर.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  भारत बंद का जिले में मिलाजुला असर रहा. इस दौरान जहां सड़क एवम रेल यातायात पर असर देखने को मिला  वही  व्यवसायिक प्रतिष्ठान  खुले रहे. वह है भारत बंद के दौरान बक्सर रेलवे स्टेशन पर श्रमजीवी तथा पूर्वा एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें घंटो रुकी रही.

बक्सर नगर ही नहीं बल्कि  डुमराँव एवं जिले के अन्य इलाकों में  दोपहर 1:00 बजे के बाद  सड़क जाम खत्म हो चुका था. दरअसल एस सी एस टी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सोमवार को कई दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था. भारत बंद को कई राजनीतिक पार्टियों और कई संगठनों ने समर्थन भी दिया था. बक्सर में राष्ट्रीय जनता दल, जदयू  (शरद), युवा राष्ट्रीय  जनता दल समेत वाम दलों ने भी बंद का समर्थन किया. संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए. बंद के कारण जिले के सभी शिक्षण संस्थानों ने पूर्व में ही बंदी की सूचना दे दी थी वहीं सार्वजनिक परिवहन को भी बंद रखा गया था. बंद कर रहे लोग जमकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे. उनका कहना था कि संविधान में परिवर्तन कर सरकार हिटलरशाही रवैया अपना रही है जो कि कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

भारत बंद को लेकर किए जा रहे हैं प्रदर्शन से सड़क तथा रेल  यातायात प्रभावित रहा. प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन तथा सड़क मार्ग को जाम कर दिया था. हालांकि, जिले में लगभग सभी जगहों पर दुकानें खुली रही.

प्रदर्शनकारियों में शामिल भीम आर्मी की बक्सर इकाई के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार राम के नेतृत्व में जिला पदाधिकारी को पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा गया, जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम 1989 में किए गए बदलाव को अविलंब वापस लेने, पदोन्नति में आरक्षण पुनः लागू करने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद "रावण"सहित कमजोर वर्ग के नेताओं को अविलंब रिहा करने. छात्रवृत्ति में की गई कटौती को वापस लेने अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, मुसलमानों को आबादी के अनुरूप आरक्षण देने की मांग की गई थी. 


अनुसूचित जाति समाज के लोगों ने निर्मल पासवान की अध्यक्षता में रैली का आयोजन किया जो कि नई बाजार पासवान मोहल्ले से होते हुए प्रखंड कार्यालय बक्सर, पांडेय पट्टी, बाजार समिति होते हुए अंबेडकर चौक पर विशाल धरने में परिवर्तित हो गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में छोटका नुआंव मुखिया जयप्रकाश राम, अनिल पासवान, सुभाष राम, श्रवण गोंड़, संजय पासवान, सरोज पासवान, अजीत गोंड़, अजय राम, अनिल पासवान, ब्रम्हदेव पासवान आदि लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. लोगों ने न्यायपालिका में आरक्षण निजी क्षेत्र में आरक्षण प्रदान करने की जोरदार मांग भी की.

वही बिहार बंद के कार्यक्रम में जनता दल यूनाइटेड (शरद) ने जिलाध्यक्ष राम आशीष कुशवाहा के नेतृत्व में शहर का भ्रमण किया. कार्यक्रम में शामिल डॉ. मनोज कुमार यादव ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के कानून में संशोधन डॉ. अंबेडकर के सपनों को चकनाचूर करना है, डॉक्टर अंबेडकर का दिया हुआ संविधान पूरे भारत देश के लिए था लेकिन दलित विरोधी केंद्र सरकार अपनी औकात भूलती जा रही है. नेता राजेंद्र पासवान ने कहा कि केंद्र की सरकार दलित पिछड़ा अति पिछड़ा के बल पर बनी है इस तरह का आदेश सुप्रीम कोर्ट को नहीं करना चाहिए. साथ ही व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बैजनाथ यादव ने कहा सरकार को काला कानून वापस लेना चाहिए. बंद के कार्यक्रम में शिव नारायण यादव, प्रदेश सचिव कपिल मुनि ठाकुर, लल्लन यादव, सैयद नसीम, रामेश्वर चौहान, उपेंद्र पासवान, दिनेश यादव, शंकर सिंह, सुनील यादव, राकेश कुमार, विनोद कुमार, हरिशंकर राम, कैलाश राम, हरेंद्र राम, मकसूदन राम, बिहारी राम, चिखुरी राम,मुन्ना राम आदि उपस्थित रहे.

समाजवादी पार्टी ने भी बंद को समर्थन दिया पार्टी के प्रदेश सचिव अश्विनी कुमार वर्मा (अधिवक्ता) के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि SC ST के साथ छेड़छाड़ करना केंद्र सरकार को महंगा पड़ेगा.

दूसरी तरफ बक्सर के एससी-एसटी समाज की तरफ से प्रमोद कुमार राम, श्रीनाथ प्रसाद तथा अधिवक्ता बबन प्रसाद, प्रभु कुमार गोड़, लालजी राम,सुनील कुमार राम, अनुग्रह कुमार, जनार्दन दास, बुधन राम, ई.बच्चा मुनी राम, धनेश्वर राम, आदित्य कुमार राम, अमन कुमार राज, नारायण प्रसाद, शशि कुमार, राजेश राम, राजीव रंजन कुमार, दसई राम, दीप नारायण राम, विनय कुमार, सोनू कुमार, ब्रम्हदेव कुमार समेत कई लोगों ने महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार को पत्र लिखकर अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को पूर्व की भांति पुनः लागू करने की मांग की है.

युवा राजद के द्वारा प्रदर्शन के दौरान युवा राजद जिलाध्यक्ष बबलू यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए रेल यातायात को भी प्रभावित किया गया. इस दौरान शेषनाथ सिंह यादव गणपति मंडल, जनार्दन सिंह कुशवाहा, राजेश कुमार सिंह, सुनील यादव, राजू सम्राट, सुधीर गुप्ता, दीपक यादव, विवेक कुमार, हरिश्चंद्र यादव, शुभम अंसारी, रजनीश कुमार, विशाल कुमार, सच्चिदानंद, शमशाद अंसारी, अरविंद आजाद, फुलतन खान, मुन्ना कोहार, आशुतोष गुप्ता, बबलू यादव, अंगद यादव, प्रिंस कुमार, लालू यादव, प्रकाश कुमार, प्रमोद यादव, शिवजी राम, उपस्थित रहे रेल रोको अभियान में शामिल वाम दलों में एसएफआई के विमल कुमार यादव, राजेश शर्मा, युवा नेता रिंकू यादव, अरुण यादव भी शामिल रहे.















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