Header Ads

Buxar Top News: दुःखद: आजादी के 70 साल बीतने के बाद भी पहुंच पथ से महरूम है जिले का यह गांव ..



भारी मुसीबत तब होती है. जब गाँव के किसी की तबीयत खराब होती है. ऐसी परिस्थिति में उन्हें खाट पर लिटा कर अस्पताल पहुंचाया जाता है.

- चुनावी वादा नहीं निभा पाए नेतागण.
- रोगियों को ले जाने के लिए होता है खाट एंबुलेंस का इस्तेमाल.

बक्सर टाप न्यूज, बक्सर: राजपुर प्रखंड के तियरा पंचायत स्थित सखुआना गांव आजादी के कई दशक बाद भी सड़क, गली , नाली, जैसी मूलभूत सुविधाओं वंचित है. 

बारिश के मौसम में होती है सबसे अधिक परेशानी रोगियों को खाट एंबुलेंस का लेना पड़ता है सहारा: 

सबसे ज्यादा मुश्किल बरसात के मौसम मे होती है. सड़क के आभाव मे ग्रामीण को पैदल चलना पड़ता है, भारी मुसीबत तब होती है. जब गाँव के किसी की तबीयत खराब होती है. ऐसी परिस्थिति में उन्हें खाट पर लिटा कर अस्पताल पहुंचाया जाता है. ऐसे में रोगियों का समय अस्पताल पहुंच पाना बेहद मुश्किल होता है ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जब एंबुलेंस के अभाव में रोगी दम तोड़ चुके हैं.
चुनावी वादा नहीं पूरा कर पाए नेताजी:

स्थिति का जायजा लेने के लिए बक्सर टॉप न्यूज़ के संवाददाता जब गांव में पहुंचे तो ग्रामीण  चंदन कुमार यादव, दिवाकर मिश्रा, हरेराम यादव, अजीत यादव, रविकांत कुशवाहा ने संयुक्त रूप से कहा कि पूर्व सांसद जगदानंद सिंह चुनाव मे वादा किया था कि अगर हम जीतेंगे तो सखुआना गांव मे जाने के लिए पक्की सड़क के निर्माण कराया जाएगा पर अपना वादा वो अपने कार्य काल मे पूरा नहीं कर पाए. वही राजपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सह बिहार सरकार के परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला से भी ग्रामीणों द्वारा कई बार गुहार लगाई गई पर आज तक मंत्री द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गयी. 

कहते हैं ग्रामीण, काम नहीं तो वोट नहीं :
गांव की बदहाल स्थिति को लेकर ग्रामीण बेहद आक्रोशित हैं उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अब ऐसा नहीं चलेगा काम नहीं तो वोट नहीं के आधार पर अब अगर जनप्रतिनिधियों द्वारा गंभीरता से गांव की बदहाल स्थिति के सुधार के पक्ष में कोई कार्य नहीं किया जाता तो वह मजबूरन वोट के बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे.


बक्सर टाप न्यूज के लिए शंकर पाडेय की रिपोर्ट

















No comments