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Buxar Top News: एसपी के सामने ही तीन थानों की पुलिस के संरक्षण में चल रहा है बड़ा खेल, आखिरी क्यूं ना माने विधि-व्यवस्था है फेल ?



पुलिस अधीक्षक आवास के समीप स्थित गंगा सेतु इन दिनों रात के अंधेरों में अवैध कारोबारियों एवं अपराधियों की शरणस्थली बन गया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सब तीन थानों की पुलिस की मौजूदगी में होता है. 
रात के अंधेरे में ट्रक से वसूली करते पुलिसकर्मी

- सोए रहते हैं लोग जागी रहती है पुलिस, जम कर होती है वसूली.
- रात भर होता है इधर का माल उधर, उधर का माल इधर.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले में बढ़ रही अपराधिक घटनाएं न सिर्फ लोगों के लिए परेशानी का सबब है बल्कि पुलिस के लिए भी एक बड़ी चुनौती है. हालांकि, पुलिस इसके इसके नियंत्रण के लिए पूरी तरह से प्रयासरत होने के दावे तो करती है लेकिन, ये दावे कितने सच है यह बता पाना बेहद मुश्किल है. पुलिस अधीक्षक आवास के समीप स्थित गंगा सेतु इन दिनों रात के अंधेरों में अवैध कारोबारियों एवं अपराधियों की शरणस्थली बन गया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सब तीन थानों की पुलिस की मौजूदगी में होता है. 

रात के ग्यारह बजते ही शुरु हो जाता है अवैध खेल:  

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक रात 11:00 बजे से लेकर तकरीबन 3:00 बजे तक जब पूरा शहर सो रहा होता है. तब यहां गंगा पुल थाना औद्योगिक थाना एवं नगर थाना के पुलिस जागी रहती है. इस दौरान बिहार का लाल सोना(सोन बालू) ओवरलोड ट्रकों का समूह आसानी से पुल को पार करता रहता है. यही नहीं उत्तर प्रदेश से बिहार में भी अवैध शराब की खेप लाने का भी यही सही समय होता है. 

मुफ्त में नहीं होता है कुछ भी चुकानी पड़ती है बड़ी रकम:

बताया जाता है कि यह सब करने के लिए पुलिस को एक मोटी रकम अवैध कारोबारियों द्वारा दी जाती है. प्रत्येक ट्रक को गंगा पुल पार कराने के लिए 4 हज़ार रुपए का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. जबकि इसकी दोगुनी कीमत उत्तर प्रदेश से शराब लेकर आ रहे अवैध कारोबारी चुकाते हैं. आश्चर्य की बात तो यह है यह सब बक्सर के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार के नाक के नीचे होता रहता है. 

गोलंबर पर हुआ है बालू का बड़ा भंडारण, शाम 7:00 बजे से ही लोड होने लगती हैं ट्रकें:

 रात को एकदम समय से कार्य शुरू किए जाने को लेकर तैयारी शाम 7:00 बजे से ही होने लगती है. अवैध कारोबारी बालू के ट्रकों में बालू की ओवरलोडेड मात्रा भर लेते हैं. जैसे ही रात के 11:00 बजते हैं वे बिना देर किए अपना कार्य शुरू कर देते हैं.

वरीय अधिकारियों को जाता है बड़ा हिस्सा:

सूत्रों के अनुसार मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी तो केवल एक मोहरा मात्र हैं. दरअसल यह सब कुछ वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर ही होता है. पूरी रात यहां से लाखों रुपए की आमदनी की जाती है जिसका बड़ा हिस्सा इन अधिकारियों को भी पहुंचाया जाता है.

पहले भी मिली थी शिकायत, फिर भी फिर भी चलता रहा सिलसिला:

रात के अंधेरे में बालू के अवैध कारोबार की शिकायत पहले भी कई बार लोगों के द्वारा की जा चुकी है. यही नहीं इस बाबत खबरें भी मीडिया में प्रकाशित हुई हैं. यही नहीं  सामाजिक कार्यकर्ताओं को इन अवैध कारोबारियों द्वारा जान से मारने की धमकी तक दी गई है. बावजूद इसके प्रशासन केवल हवा-हवाई बातें कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है. नतीजतन अपराध यूं ही पनपता रहता है ..

















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