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पूर्वांचल का नटवरलाल शिवा गिरफ्तार ..

पूर्वांचल के नटवरलाल के नाम से मशहूर ठग की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अरसे से हाथ-पांव मार रही थी. बलिया के रामाधार कुशवाहा के पुत्र ठग शिवा को राजपुर पुलिस ने बलिया के रेवतीपुर पुलिस के सहयोग से उतरौली बाजार से गिरफ्तार किया

- उत्तर प्रदेश के बालियां जिले से हुई गिरफ्तारी.

- पिछले वर्ष दर्ज कराई गयी थी नामजद प्राथमिकी.



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  रेलवे और सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर पचास से अधिक लोगों से ठगी करने वाला शिवा मौर्य को राजपुर पुलिस ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बलिया से गिरफ्तार कर लिया गया. पूर्वांचल के नटवरलाल के नाम से मशहूर ठग की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अरसे से हाथ-पांव मार रही थी. बलिया के रामाधार कुशवाहा के पुत्र ठग शिवा को राजपुर पुलिस ने बलिया के रेवतीपुर पुलिस के सहयोग से उतरौली बाजार से गिरफ्तार किया.

वहां से लाने के बाद आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. राजपुर पुलिस के मुताबिकठग को उतरौली बाजार स्थित मेडिकल स्टोर की दुकान से गिरफ्तार किया गया. शिवा मौर्य यूपी के त्रिलोकपुर थाना रेवतीपुर जिला गाजीपुर का रहने वाला है. वह वहीं से पूरा एक गिरोह संचालित करता है और नौकरी के नाम पर युवकों को झांसे में लेकर उनसे लाखों रुपयों की वसूली करता है. बेरोजगारों को फांसने के लिए वह अपने राजनीतिक संबंधों का भी इस्तेमाल करता था. इसके द्वारा ठगी का शिकार युवक अजीत कुशवाहा, पिता रामकृष्ण कुशवाहा ग्राम शायर, थाना गहमर, जिला गाजीपुर जो वर्तमान में अपने ननिहाल राजपुर थाना के डिहरी गांव में रह रहा है. इसके द्वारा पिछले साल शिवा मौर्य और उसके भाई लालबहादुर मौर्य, रामप्रकाश कुशवाहा ग्राम पंजराव थाना नुआंव जिला कैमूर, दीपक मौर्य व मुकेश यादव बलिया सहित कुल छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद पुलिस उनकी तलाश में लगी थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसके द्वारा अलग-अलग बेरोजगार युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर ढाई करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई है.

कैसे करते थे काम: 

जानकारी के मुताबिक शिवा और लालबहादुर जगह-जगह जाकर छात्रों को झूठे आश्वासन देकर उन्हें अपने झांसे में लेकर राशि की मांग करते थे. इसके बाद अभ्यर्थी नकदी या ट्रांजेक्शन द्वारा इन दोनों के खाते में राशि भेजते थे. इसके बाद अभ्यर्थी के पास फर्जी जॉइनिंग लेटर और पहचान पत्र भेज दिया जाता था.

- साभार: जागरण











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