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अपराधियों पर नकेल कसने के दावों के बीच डीजीपी को बक्सर के अपराधियों की चुनौती ..

डीजीपी ने यह स्पष्ट किया है कि अपराधी चाहे कोई भी हो वह बख्शा नहीं जाएगा उन्होंने अपने बयान में कहा है कि वह चूहे के बिल से भी अपराधी को खोज कर निकाल लेंगे. 

- 12 घंटे के भीतर लगातार दो घटनाओं ने खड़े किए कई सवाल

- घटना को अंजाम देकर गिरफ्त से बाहर है अपराधी पुलिस पीट रही लकीर.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जजिले के लाल गुप्तेश्वर पांडेय के बिहार प्रदेश पुलिस के मुखिया बनते ही उनके गृह जिले बक्सर में अपराधियों ने उन्हें ताबड़तोड़ चुनौती देने शुरू कर दी है. हालांकि डीजीपी ने यह स्पष्ट किया है कि अपराधी चाहे कोई भी हो वह बख्शा नहीं जाएगा उन्होंने अपने बयान में कहा है कि वह चूहे के बिल से भी अपराधी को खोज कर निकाल लेंगे. 

12 घंटे के अंदर नगर थाना क्षेत्र में अपराधियों ने दो बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर यह साबित कर दिया है कि उनका मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. पहली घटना नगर के सिविल लाइन स्थित विप्र नगर में रहने वाले सरकारी अधिवक्ता प्रभुनाथ सिंह के घर भीषण चोरी की है, जहां घर का ताला तोड़ चोरों ने तीन लाख रूपये की नगदी के साथ तकरीबन 25 लाख रुपयों के गहनों की चोरी कर ली. अपराधियों ने घर अलमारी में रखें राइफल और पिस्टल के कारतूस के पैकेट भी चोरी कर लिए. घटना नगर के पाश इलाके में घटी जहां चोरी की इतनी भीषण घटना का होना अपने आप में बड़ा अआश्चर्य है. बताया जा रहा है कि व्यवहार न्यायालय में कार्यरत सरकारी वकील प्रभुनाथ सिंह अपने बड़े भाई की नातिन की शादी में बुधवार को पैतृक गांव सिमरी थाना क्षेत्र के छोटका राजपुर गए थे. रात में चोरों ने मुख्य द्वार को बंद कर अंदर के तालों को तोड़ते हुए चोरी की घटना को अंजाम दिया. अगले दिन जब वह अपने गांव से वापस लौटे तो उन्हें इस बात की जानकारी हुई. चोरों ने नगदी गहनों के साथ-साथ हथियार के कारतूस की भी चोरी कर लिए हैं. हालांकि, उन्होंने लाइसेंसी हथियारों की चोरी नहीं की है. साथ ही लैपटॉप व अन्य समान भी छोड़ गए हैं. इस घटना में पुलिस जहां सकते में पड़ी थी वहीं सरेशाम अपराधियों ने नगर के वार्ड नंबर 27 के वार्ड पार्षद को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. हत्या के बाद अपराधी आराम से भाग निकले. इस मामले में भी पुलिस ने अभी तक अपराधियों को पकड़ने में कोई सफलता नहीं प्राप्त की है. हालांकि, हत्या की यह कोई नई वारदात नहीं है गणतंत्र दिवस के दिन दिनदहाड़े ही अपराधियों ने एक युवक को गोलियों से भून दिया था. हालांकि, इस मामले में पुलिस अपराधियों को पकड़ने का दावा कर रही है. लेकिन सूत्र इसे महज खानापूर्ति ही मान रहे है. माना जा रहा है कि असली अपराधी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

सूबे में कई जगह हुई हत्याओं के विषय में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का कहना है कि हत्या के बहुत से कारण हो सकते हैं. गैंगवार, व्यक्तिगत दुश्मनी, संपत्ति का विवाद हो सकता है. हत्या को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इतना दावे के साथ कहता हूं कि हत्या करके कोई बच नहीं सकता. हम चूहे के बिल से भी अपराधी को खोजकर निकालेंगे. चाहे वह जितना बड़ा आदमी हो उसको पकड़ा जाएगा. अपराधी को कहीं से यह नहीं लगना चाहिए कि हम कुछ भी कर सकते हैं. अपराधी को पता होना चाहिए कि अपराध करने के बाद भुगतना होगा. यह संदेश सीधा जाना चाहिए.

बहरहाल सुपर कॉप का दर्जा प्राप्त डीजीपी के गृह जिले में आपराधिक घटनाओं में आई तेजी कहीं ना कहीं अपने आप में अपराधियों के द्वारा डीजीपी को दी गई खुली चुनौती है. अब देखना यह होगा कि वह स्वयं इस मामले में किस तरह की रणनीति अख्तियार करते हुए आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाते हुए जनता को सुरक्षित परिवेश का भरोसा दिलाने में सफल हो पाते हैं.










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